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धारा 45 भारतीय संविदा अधिनियम | Section 45 ICA In Hindi | Section 45 Indian Contract Act in hindi

धारा 45 भारतीय संविदा अधिनियम — संयुक्त अधिकारों का न्यागमन —

जबकि किसी व्यक्ति ने दो या अधिक व्यक्तियों को संयुक्तत: वचन दिया हो, तब यदि संविदा से तत्प्रतिकूल आशय प्रतीत न हो तो उसके पालन के लिए दावा करने का अधिकार, जहाँ तक कि उसका और उनका सम्बन्ध है, उनके संयुक्त जीवनों के दौरान उनकी, और उनमें से किसी की मृत्यु के पश्चात् ऐसे मृत व्यक्ति के प्रतिनिधि को उत्तरजीवी या उत्तरजीवियों के साथ संयुक्तत: और अन्तिम उत्तरजीवी की मृत्यु के पश्चात् उन सबके प्रतिनिधियों को संयुक्तत: होता है।

दृष्टान्त

‘क’ अपने को ‘ख’ और ‘ग’ द्वारा उधार दिये गए, 5,000 रुपयों के प्रतिफल में संयुक्तत: ‘ख’ और ‘ग’ को वह राशि ब्याज समेत विनिर्दिष्ट दिन प्रतिसंदत करने का वचन देता है। ‘ख’ मर जाता है। पालन का दावा करने का अधिकार ‘ग’ के जीवन के दौरान ‘ख’ के प्रतिनिधियों को ‘ग’ के साथ संयुक्तत: और ‘ग’ की मृत्यु के पश्चात् ‘ख’ और ‘ग’ के प्रतिनिधियों को संयुक्ततः होता है।


Section 45 Indian Contract Act — Devolution of joint rights –

When a person has made a promise to two or more persons jointly, then, unless a contrary intention appears from the contract, the right to claim performance rests, as between him and them, with them during their joint lives, and, after the death of any of them, with the representative of such deceased person jointly with the survivor or survivors, and, after the death of the last survivor, with the representatives of all jointly.

Illustration

A, in consideration of 5,000 rupees lent to him by B and C, promises B and C jointly to repay them that sum with interest on a day specified. B dies. The right to claim performance rests with B’s representative jointly with C during C’s life, and after the death of C, with the representatives of B and C jointly.

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