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धारा 7 मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979

धारा 7 मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 — शास्तियां –

(1) जो कोई धारा 5 के उपबंधों में से उसके खंड (तीन) के उपबंधों को छोड़कर किसी भी उपबंध का उल्लंघन करेगा, उल्लंघन किये जाने का दुष्प्रेरण करेगा या उल्लंघन करने का प्रयत्न करेगा वह कारावास से, जिसकी अवधि छः मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

(2) जो कोई धारा 5 के खंड (तीन) के उपबंधों में से किसी भी उपबंध का उल्लंघन करेगा, उल्लंघन किये जाने का दुष्प्रेरण करेगा या उल्लंघन करने का प्रयत्न करेगा, वह किसी भी ऐसी शास्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जो कि तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य अधिनियमिति के अधीन अधिरोपित की जाने योग्य हो, कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी,तथा जुर्माने से, जो पांच हजार रुपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा ।

धारा 7 मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979