धारा 70 किशोर न्याय अधिनियम 2015 — प्राधिकरण की शक्तियां. –
(1) प्राधिकरण के कृत्यों के दक्ष पालन के लिए इसकी निम्नलिखित शक्तियां होंगी, अर्थात् :-
(क) किसी विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण या किसी बाल गृह या किसी अनाथ, परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक को रखने वाली किसी बाल देखरेख संस्था, किसी राज्य अभिकरण या किसी प्राधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण अभिकरण को अनुदेश जारी करना और ऐसे अभिकरणों द्वारा ऐसे निदेशों का पालन किया जाएगा;
(ख) इसके द्वारा जारी किए गए अनुदेशों के निरंतर अननुपालन की दशा में, संबंधित सरकार या प्राधिकारी को उसके प्रशासनिक नियंत्रणाधीन किसी पदधारी या कृत्यधारी या संस्था के विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने की सिफारिश करना;
(ग) किसी पदधारी या कृत्यकारी या संस्था द्वारा इसके अनुदेशों का निरंतर अननुपालन का कोई मामला, उसके विचारण की अधिकारिता रखने वाले किसी मजिस्ट्रेट को अग्रेषित करना और वह मजिस्ट्रेट, जिसको ऐसा कोई मामला अग्रेषित किया गया है, उस मामले की सुनवाई के लिए इस प्रकार कार्यवाही करेगा मानो वह मामला उसे दंड प्रक्रिया संहिता,1973 (1974 का 2) की धारा 346 के अधीन अग्रेषित किया गया हो;
(घ) कोई अन्य शक्ति, जो केंद्रीय सरकार द्वारा उसमें निहित की जाए ।
(2) दत्तक ग्रहण के किसी मामले में कोई मतभेद होने की दशा में, जिसके अंतर्गत भावी दत्तक माता-पिता या दत्तक ग्रहण किए जाने वाले बालक की पात्रता भी है, प्राधिकरण का विनिश्चय अभिभावी होगा ।
Section 70 Juvenile Justice Act 2015 — Powers of Authority —
(1) For the efficient performance of its functions, Authority shall have the following powers, namely:—
(a) to issue instructions to any Specialised Adoption Agency or a Children Home or any child care institution housing any orphan, abandoned or surrendered child, any State Agency or any authorised foreign adoption agency and such directions shall be complied by such agencies; धारा 70 किशोर न्याय अधिनियम 2015
(b) recommending to the concerned Government or Authority to take appropriate action against any official or functionary or institution under its administrative control, in case of persistent noncompliance of the instructions issued by it;
(c) forwarding any case of persistent non-compliance of its instructions by any official or functionary or institution to a Magistrate having jurisdiction to try the same and the Magistrate to whom any such case is forwarded shall proceed to hear the same as if the case has been forwarded to him under section 346 of the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974);
(d) any other power that may be vested with it by the Central Government.
(2) In case of any difference of opinion in an adoption case, including the eligibility of prospective adoptive parents or of a child to be adopted, the decision of Authority shall prevail.