धारा 8 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — धारा 3, 4, 5 या 6 के अधीन आदेश पारित किये जाने के पूर्व सुनवाई की जाएगी.-–
(1) किसी व्यक्ति के विरुद्ध धारा 3, 4, 5 या 6 के अधीन कोई आदेश पारित किया जाने के पूर्व, जिला मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को उसके विरुद्ध तात्विक अभिकथनों के सामान्य स्वरूप की लिखित जानकारी देगा और उसे उनके बारे में स्पष्टीकरण देने का युक्तियुक्त अवसर देगा ।
(2) यदि ऐसा व्यक्ति उसके द्वारा पेश किये गये किसी साक्षी की परीक्षा के लिए आवेदन करे तो जिला मजिस्ट्रेट, जब तक कि अभिलिखित किये जाने वाले कारणों से, उसकी यह राय न हो कि ऐसा आवेदन तंग करने या विलम्ब करने के प्रयोजन से दिया गया है, ऐसे आवेदन को मंजूर करेगा और ऐसे साक्षियों की परीक्षा करेगा ।
(3) ऐसे व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किया गया कोई भी लिखित कथन मामले के अभिलेख के साथ फाइल किया जाएगा और ऐसा व्यक्ति अपना स्पष्टीकरण देने तथा अपने द्वारा पेश किये गये साक्षियों की परीक्षा के प्रयोजन से किसी विधि व्यवसायी द्वारा जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष उपसंजात होने का हकदार होगा ।
(4) उपधारा (1) के अधीन कार्यवाही करने वाला जिला मजिस्ट्रेट किसी ऐसे व्यक्ति की, जिसके विरुद्ध धारा 3, 4, 5 तथा 6 के अधीन किसी आदेश का किया जाना प्रस्तावित है, हाजिरी सुनिश्चित करने के प्रयोजन के लिए, ऐसे व्यक्ति से अपेक्षा कर सकेगा कि वह उसके समक्ष उपसंजात हो और जांच के दौरान ऐसी हाजिरी के लिए प्रतिभू सहित या रहित प्रतिभूति बंधपत्र निष्पादित करे ।
(5) यदि वह व्यक्ति अपेक्षित किये गये अनुसार प्रतिभूति बंधपत्र निष्पादित न करे या जांच के दौरान जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष उपसंजात न हो, तो जिला मजिस्ट्रेट के लिए यह विधिपूर्ण होगा कि वह जांच में एकपक्षीय कार्यवाही करे और तदुपरि ऐसा आदेश, जो उस व्यक्ति के विरुद्ध पारित किया जाना प्रस्तावित किया गया था, पारित किया जा सकेगा ।