धारा 8 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम — विशेष न्यायालयों की प्रक्रिया और शक्तियाँ —
(1) ऐसे मामलों के विचारण में विशेष न्यायालय मजिस्ट्रेट के समक्ष वारण्ट वाले मामलों के विचारण के लिए संहिता द्वारा विहित प्रक्रिया का अनुसरण करेगा।
(2) इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से उपबन्धित के सिवाय, संहिता और अधिनियम के उपबन्ध जहाँ तक वे इस अधिनियम के उपबन्धों से असंगत न हो, विशेष न्यायालय के समक्ष की कार्यवाहियों को लागू होंगे और उक्त उपबन्धों के प्रयोजन के लिए विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोजन संचालित करने वाले व्यक्ति लोक अभियोजक समझे जाएँगे ।
(3) विशेष न्यायालय उसके द्वारा किसी व्यक्ति को दोषसिद्ध ठहराए जाने पर, उसे उस अपराध के दण्ड के लिए जिसके लिए ऐसा व्यक्ति दोषी ठहराया गया हो, विधि द्वारा प्राधिकृत दण्डादेश पारित कर सकेगा।
Procedure and powers of Special Courts. –
(1) A Special Court shall, in the trial of such cases, follow the procedure prescribed by the Code for the trial of warrant cases before a Magistrate.
(2) Save as expressly provided in this Act, the provisions of the Code and of the Act shall, in so far as they are not inconsistent with the provisions of this Act, apply to the proceedings before a Special Court and for the purpose of the said provisions, the persons conducting a prosecution before a Special Court shall be deemed to be a Public Prosecutor.
(3) A Special Court may pass, upon any person convicted by it, any sentence authorized by law for the punishment of the offence of which such person is convicted.
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