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धारा 85 सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 | धारा 85 आईटी एक्ट 2000 | Section 85 IT Act 2000 in hindi

धारा 85 आईटी एक्ट 2000कंपनियों द्वारा अपराध –

(1) जहां कोई व्यक्ति, जो एक कंपनी है, इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए किसी निदेश या आदेश के किन्हीं उपबंधों का उल्लंघन करता है, वहां प्रत्येक ऐसा व्यक्ति, जो उस उल्लंघन के किए जाने के समय उस कंपनी के कारबार के संचालन के लिए उस कम्पनी का भारसाधक और उसके प्रति उत्तरदायी था और साथ ही वह कंपनी भी, ऐसे उल्लंघन के दोषी समझे, जाएंगे और तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दंडित किए जाने के भागी होंगे :

परन्तु इस उपधारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को दंड का भागी नहीं बनाएगी यदि वह यह साबित कर देता है कि ऐसा उल्लंघन उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसे उल्लंघन के किए, जाने का निवारण करने के लिए सब सम्यक् तत्परता बरती थी ।

(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, जहां इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए किसी निदेश या आदेश के किन्हीं उपबंधों का उल्लंघन किसी कंपनी द्वारा किया गया है और यह साबित हो जाता है कि वह उल्लंघन कंपनी के किसी निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की सहमति या मौनानुकूलता से किया गया है या उस अपराध का किया जाना उसकी किसी उपेक्षा के कारण माना जा सकता है, वहां ऐसा निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी भी उस अपराध या उल्लंघन का दोषी समझा जाएगा और तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दंडित किए जाने का भागी होगा ।

स्पष्टीकरण – इस धारा के प्रयोजनों के लिए-

(i) “कंपनी” से कोई निगमित निकाय अभिप्रेत है और उसके अंतर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम भी है; और

(ii) “फर्म के संबंध में निदेशक” से उस फर्म का भागीदार अभिप्रेत है ।


Section 85 IT Act 2000 – Offences by companies —

(1) Where a person committing a contravention of any of the provisions of this Act or of any rule, direction or order made thereunder is a company, every person who, at the time the contravention was committed, was in charge of, and was responsible to, the company for the conduct of business of the company as well as the company, shall be guilty of the contravention and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly: धारा 85 आईटी एक्ट 2000

Provided that nothing contained in this sub-section shall render any such person liable to punishment if he proves that the contravention took place without his knowledge or that he exercised all due diligence to prevent such contravention. धारा 85 आईटी एक्ट 2000

(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), where a contravention of any of the provisions of this Act or of any rule, direction or order made thereunder has been committed by a company and it is proved that the contravention has taken place with the consent or connivance of, or is attributable to any neglect on the part of, any director, manager, secretary or other officer of the company, such director, manager, secretary or other officer shall also be deemed to be guilty of the contravention and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly.

Explanation.–For the purposes of this section,–

(i) ‘company” means any body corporate and includes a firm or other association of individuals; and

(ii) “director”, in relation to a firm, means a partner in the firm.

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