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धारा 86 सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 | धारा 86 आईटी एक्ट 2000 | Section 86 IT Act 2000 in hindi

धारा 86 आईटी एक्ट 2000 – कठिनाइयों को दूर करना –

(1) यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, ऐसे उपबंध कर सकेगी जो इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत न हों और कठिनाई को दूर करने के लिए उसे आवश्यक या समीचीन प्रतीत हों :

परंतु इस धारा के अधीन ऐसा कोई आदेश इस अधिनियम के प्रारम्भ से दो वर्ष की अवधि की समाप्ति के पश्चात् नहीं किया जाएगा ।

(2) इस धारा के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश इसके किए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाएगा ।


Section 86 IT Act 2000 – Removal of difficulties —

(1) If any difficulty arises in giving effect to the provisions of this Act, the Central Government may, by order published in the Official Gazette, make such provisions not inconsistent with the provisions of this Act as appear to it to be necessary or expedient for removing the difficulty:

Provided that no order shall be made under this section after the expiry of a period of two years from the commencement of this Act.

(2) Every order made under this section shall be laid, as soon as may be after it is made, before each House of Parliament.

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