मोटर यान अधिनियम की धारा 117 — पार्किंग-स्थल और विराम-स्थल —
राज्य सरकार या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी संबंधित क्षेत्र में अधिकारिता रखने वाले स्थानीय प्राधिकारी से परामर्श करके ऐसे स्थान अवधारित कर सकेगा जहां मोटर यान या तो अनिश्चित या विनिर्दिष्ट समय तक ठहर सकेंगे, तथा वे स्थान अवधारित कर सकेगा जिनमें सार्वजनिक सेवा यान उतने समय से अधिक समय तक ठहर सकेंगे जितना यात्रियों को चढ़ाने और उतारने के लिए आवश्यक है :
परंतु राज्य सरकार या प्राधिकृत प्राधिकरण ऐसे स्थलों का अवधारण करते समय सड़क मार्ग का उपयोग करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा और यातायात के निर्बाध संचलन को पूर्विकता प्रदान करेगा :
परंतु यह और कि इस धारा के प्रयोजनों के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 (1988 का 68) के अधीन गठित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या केन्द्रीय सरकार द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य अभिकरण भी ऐसे स्थानों को अवधारित कर सकेगा ।
117 MV Act — Parking places and halting stations —
The State Government or any authority authorised in this behalf by the State Government may, in consultation with the local authority having jurisdiction in the area concerned, determine places at which motor vehicles may stand either indefinitely or for a specified period of time, and may determine the places at which public service vehicles may stop for a longer time than is necessary for the taking up and setting down of passengers :
Provided that the State Government or the authorised authority shall, give primacy to the safety of road users and the free flow of traffic in determining such places :
Provided further that for the purpose of this section the National Highways Authority of India, constituted under the National Highways Authority of India Act, 1988 (68 of 1988) or any other agency authorised by the Central Government, may also determine such places.