धारा 1 किशोर न्याय अधिनियम 2015 —संक्षिप्त नाम, विस्तार, प्रारंभ और लागू होना. –
(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 है ।
(2) इसका विस्तार [***] संपूर्ण भारत पर है ।
(3) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा, जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में, अधिसूचना द्वारा, नियत करे ।
(4) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के उपबंध देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों तथा विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों से संबंधित सभी मामलों में लागू होंगे, जिनके अंतर्गत,-
(i) विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों की गिरफ्तारी, निरोध, अभियोजन, शास्ति या कारावास, पुनर्वास और समाज में पुनः मिलाना;
(ii) देखरेख और संरक्षा के जरूरतमंद बालकों के पुनर्वासन, दत्तक ग्रहण, समाज में पुनः मिलाने और वापसी की प्रक्रियाएं और विनिश्चय अथवा आदेश भी हैं।
Section 1 Juvenile Justice Act 2015 —Short title, extent, commencement and application —
(1) This Act may be called the Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015.
(2) It extends to the whole of India 1***.
(3) It shall come into force on such date2 as the Central Government may, by notification in the Official Gazette, appoint.
(4) Notwithstanding anything contained in any other law for the time being in force, the provisions of this Act shall apply to all matters concerning children in need of care and protection and children in conflict with law, including —
(i) apprehension, detention, prosecution, penalty or imprisonment, rehabilitation and social re-integration of children in conflict with law;
(ii) procedures and decisions or orders relating to rehabilitation, adoption, re-integration, and restoration of children in need of care and protection.