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धारा 102 किशोर न्याय अधिनियम 2015 | Section 102 JJ Act in hindi 2015 | Section 102 Juvenile Justice Act 2015 in hindi

धारा 102 किशोर न्याय अधिनियम 2015 — पुनरीक्षण

उच्च न्यायालय स्वप्रेरणा से या इस निमित्त प्राप्त किसी आवेदन पर, किसी भी समय, किसी ऐसी कार्यवाही का, जिसमें किसी समिति या बोर्ड या बालक न्यायालय या न्यायालय ने कोई आदेश पारित किया हो, अभिलेख आदेश की वैधता या औचित्य के संबंध में अपना समाधान करने के प्रयोजनार्थ मंगा सकेगा और उसके संबंध में ऐसा आदेश पारित कर सकेगा, जो वह ठीक समझे :

परंतु उच्च न्यायालय इस धारा के अधीन किसी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई आदेश उसे सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान किए बिना पारित नहीं करेगा ।


Section 102 Juvenile Justice Act 2015 — Revision —

The High Court may, at any time, either on its own motion or on an application received in this behalf, call for the record of any proceeding in which any Committee or Board or Children’s Court, or Court has passed an order, for the purpose of satisfying itself as to the legality or propriety of any such order and may pass such order in relation thereto as it thinks fit:

Provided that the High Court shall not pass an order under this section prejudicial to any person without giving him a reasonable opportunity of being heard.

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