धारा 13 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — निर्वासन (एक्सटर्नमेन्ट) की राज्य सरकार की शक्ति –
( 1 ) राज्य सरकार या राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में विशेष रूप से सशक्त किया गया कोई अधिकारी धारा 3, 4, 5 या 6 के अधीन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जिले में प्रयोक्तव्य शक्तियों का प्रयोग वैसी ही परिस्थितियों में तथा वैसी ही रीति में इस उपान्तरण के साथ कर सकेगा कि राज्य सरकार या विशेष रूप से सशक्त किये गये अधिकारी के लिए यह विधिपूर्ण होगा कि वह यथास्थिति ऐसे दल या समूह के सदस्यों या व्यक्तियों या अप्रवासियों या सिद्धदोष ठहराये गये व्यक्तियों को किसी जिले या जिलों या उसके / उनके भाग से, चाहे वे उसके/उनके समीपस्थ हों, या न हों, हट जाने के लिए और किसी जिले या जिलों या उसके / उनके भाग में, चाहे वे उसके / उनके समीपस्थ हों या न हों, प्रवेश न करने या न लौटने के लिए निदेश दें ।
(2) धारा 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के उपबन्ध और धारा 9 के उपबन्ध, उस दशा में जबकि आदेश राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से सशक्त किये गये अधिकारी द्वारा उपधारा (1) के अधीन पारित किया गया हो, इस धारा के अधीन किन्हीं शक्तियों के प्रयोग को यथावश्यक परिवर्तन सहित इस प्रकार लागू होंगे जैसे कि वे धारा 3, 4, 5 या 6 के अधीन किन्हीं शक्तियों के प्रयोग को लागू होते हैं ।
(3) जहाँ आदेश राज्य सरकार द्वारा उपधारा (1) के अधीन पारित किया गया हो वहाँ राज्य सरकार या तो स्वप्रेरणा से या व्यथित व्यक्ति के आवेदन पर स्वयं के द्वारा पारित किये गये किसी भी आदेश का पुनर्विलोकन कर सकेगी और उसके सम्बन्ध में ऐसा आदेश पारित कर सकेगी जैसा कि वह उचित समझे :
परन्तु किसी भी आदेश में तब तक फेरफार नहीं किया जायेगा या उसे तब तक उलटा नहीं जायेगा जब तक कि सम्बन्धित व्यक्ति को आदेश के समर्थन में उपसंजात होने तथा सुने जाने के लिए सूचना न दे दी गई हो ।