धारा 15 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम — कतिपय मामलों में सम्पत्ति का अधिहरण —
(1) धारा 14 के अधीन जारी किए गए कारण बताओ सूचना के स्पष्टीकरण, यदि कोई हो, तथा उसके समक्ष उपलब्ध सामग्री पर विचार करने के पश्चात् और प्रभावित व्यक्ति को (तथा उस दशा में जहाँ प्रभावित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से सूचना में विनिर्दिष्ट कोई धन या संपत्ति धारण करता हो, ऐसे अन्य व्यक्ति को भी) सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान करने के पश्चात् प्राधिकृत अधिकारी, आदेश द्वारा निष्कर्ष अभिलिखित करेगा कि क्या प्रश्नगत समस्त या कोई अन्य धन या सम्पत्ति विधिविरुद्ध अर्जित की गई है।
(2) जहाँ प्राधिकृत अधिकारी वह विनिर्दिष्ट करता है कि कारण बताओ सूचना में निर्दिष्ट कुछ धन या सम्पत्ति या दोनों अपराध के माध्यम से अर्जित किए गए हैं, किन्तु ऐसे धन या सम्पत्ति को विनिर्दिष्टतः चिन्हित करने में समर्थ न होता हो तो प्राधिकृत अधिकारी के लिए यह विधिपूर्ण होगा कि वह धन या सम्पत्ति या दोनों विनिर्दिष्ट करे जो उसके सर्वोत्तम निर्णय के अनुसार अपराध के माध्यम से अर्जित किए गए हैं और उपधारा (1) के अधीन तदनुसार निष्कर्ष अभिलिखित करेगा |
(3) जहाँ, प्राधिकृत अधिकारी इस धारा के अधीन इस आशय का निष्कर्ष अभिलिखित करता है कि कोई धन या सम्पत्ति या दोनों अपराध के माध्यम से अर्जित किए गए हैं वहाँ वह घोषित करेगा कि ऐसा धन या सम्पत्ति या दोनों, इस अधिनियम के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हुए सभी विल्लंगमों से मुक्त राज्य सरकार को अधिहृत माने जाएँगे:
परन्तु यदि अधिहृत सम्पत्ति का बाजार मूल्य प्राधिकृत अधिकारी के पास जमा कर दिया गया। हो तो सम्पत्ति अधिहृत नहीं की जाएगी ।
(4) जहाँ इस अधिनियम के अधीन किसी [कम्पनी का कोई] शेयर राज्य सरकार को अधिहृत माना जाता है तो कम्पनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) अथवा कम्पनी के संगम अनुच्छेदों में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, कम्पनी तुरन्त राज्य सरकार को ऐसे शेयर के अंतरिती के रूप में रजिस्ट्रीकृत करेगी ।
(5) इस अध्याय के अधीन धन या सम्पत्ति या दोनों के अधिहरण की प्रत्येक कार्यवाही धारा 15 की उपधारा (1) के अधीन सूचना तामील किए जाने की तारीख से छह मास की कालावधि के भीतर निपटाई जाएगी ।
(6) इस धारा के अधीन पारित अधिहरण का आदेश, अपील, यदि कोई हो, में पारित आदेश के अध्यधीन रहते हुए धारा 17 के अधीन अंतिम होगा और किसी न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जाएगा।
Confiscation of property in certain cases. –
(1) The Authorized Officer may, after considering the explanation, if any, to the show cause notice issued under Section 14 and the materials available before it, and after giving to the person affected (and in case where the person affected holds any money or property specified in the notice through any other person, to such other person also) a reasonable opportunity of being heard, by order, record a finding whether all or any other money or properties in question have been acquired illegally. धारा 15 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम
(2) Where the Authorized Officer specifies that some of the money or property or both referred to in the show cause notice are acquired by means of the offence, but is not able to identify specifically such money or property, then it shall be lawful for the Authorized Officer to specify the money or property or both which, to the best of his judgment, have been acquired by means of the offence and record a finding accordingly under sub-section (1). धारा 15 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम
(3) Where the Authorized Officer records a finding under this section to the effect that any money or property or both have been acquired by means of the offence, he shall declare that such money or property or both shall, subject to the provisions of this Act, stand confiscated to the State Government free from all encumbrances :Provided that if the market price of the property confiscated is deposited with the Authorized Officer, the property shall not be confiscated. धारा 15 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम
(4) Where any share in a Company stands confiscated to the State Government under this Act, then, the Company shall, notwithstanding anything contained in the Companies Act, 1956 (1 of 1956), or the Articles of Association of the Company, forthwith register the State Government as the transferee of such share.
(5) Every proceeding, for confiscation of money or property or both under this Chapter shall be disposed of within a period of six months from the date of service of the notice under sub-section (1) of Section 15. धारा 15 मध्यप्रदेश विशेष न्यायलय अधिनियम
(6) The order of confiscation passed under this section shall, subject to the order passed in appeal, if any, under section 17 be final and shall not be called in question in any Court of law.