मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 179 : – आदेशों की अवज्ञा, बाधा डालना और जानकारी देने से इंकार करना —
(1) जो कोई जानबूझकर ऐसे किसी निदेश की अवज्ञा करेगा जो वैसा निदेश देने के लिए इस अधिनियम के अधीन सशक्त किसी व्यक्ति या प्राधिकारी द्वारा विधिपूर्वक दिया गया है या ऐसे किन्हीं कृत्यों का निर्वहन करने में किसी व्यक्ति या प्राधिकारी को बाधा पहुंचाएगा जो व्यक्ति या प्राधिकारी उसका निर्वहन करने के लिए इस अधिनियम के अधीन अपेक्षित या सशक्त है, वह उस दशा में जब उस अपराध के लिए कोई अन्य शास्ति उपबंधित नहीं है, जुर्माने से, जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा ।
(2) जो कोई इस अधिनियम द्वारा या के अधीन कोई जानकारी देने के लिए अपेक्षित होते हुए ऐसी जानकारी को जानबूझकर रोकेगा या ऐसी जानकारी देगा जिसका मिथ्या होना वह जानता है या जिसके सही होने का उसे विश्वास नहीं है, वह उस दशा में जब उस अपराध के लिए कोई अन्य शास्ति उपबंधित नहीं है, कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा, अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा।
Section 179 of MV Act 1988 :- Disobedience of orders, obstruction and refusal of information —
(1) Whoever wilfully disobeys any direction lawfully given by any person or authority empowered under this Act to give such direction, or obstructs any person or authority in the discharge of any functions which such person or authority is required or empowered under this Act to discharge, shall if no other penalty is provided for the offence be punishable with fine which may extend to two thousand rupees.
(2) Whoever, being required by or under this Act to supply any information, wilfully withholds such information or gives information which he knows to be false or which he does not believe to be true, shall, if no other penalty is provided for the offence, be punishable with imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to two thousand rupees, or with both.