धारा 2 एनडीपीएस एक्ट — परिभाषाएं-
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
(i) ‘व्यसनी” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ पर आश्रित है ;
(ii) “बोर्ड” से केन्द्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 (1963 का 54) के अधीन गठित केन्द्रीय उत्पाद-शुल्क और सीमा-शुल्क बोर्ड अभिप्रेत है ;
(iii) कैनेबिस (हैम्प)” से अभिप्रेत है,-
(क) “चरस” अर्थात् कच्चा या शोधित किसी भी रूप में पृथक् किया गया रेजिन जो कैनेबिस के पौधे से प्राप्त किया गया हो और इसके अन्तर्गत हशीश तेल या द्रव हशीश के नाम से ज्ञात सांद्रित निर्मिति और रेजिन है ;
(ख) “गांजा” अर्थात् कैनेबिस के पौधे के फूलने और फलने वाले सिरे (इनके अन्तर्गत बीज और पत्तियां जब वे सिरे के साथ न हों, नहीं हैं) चाहे वे किसी भी नाम से ज्ञात या अभिहित हों ; और
(ग) उपरोक्त किसी भी प्रकार के कैनेबिस का कोई मिश्रण चाहे वह किसी निष्प्रभावी पदार्थ सहित या उसके बिना हो, या उससे निर्मित कोई पेय ;
(iv) “कैनेबिस का पौधा” से कैनेबिस वंश का कोई पौधा अभिप्रेत है ;
(ivक)” केन्द्रीय सरकार के कारखानों” से केन्द्रीय सरकार के स्वामित्वाधीन कारखाने या किसी ऐसी कंपनी के, जिसमें केन्द्रीय सरकार समादत्त शेयर पूंजी का कम से कम इक्यावन प्रतिशत धारण करती है, स्वामित्वाधीन कारखाने अभिप्रेत हैं ;
(v) “कोका के व्युत्पाद” से अभिप्रेत है-
(क) कच्चा कोकेन, अर्थात् कोका की पत्ती का कोई सार जिसका कोकेन के विनिर्माण के लिए प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः उपयोग किया जा सकता है ;
(ख) ऐकगोनिन और ऐकगोनिन के सभी व्युत्पाद, जिनसे उसे प्राप्त किया जा सकता है ;
(ग) कोकेन, अर्थात् बेंजायल-ऐकगोनिन का मेथिल एस्टर और उसके लवण ; और
(घ) सभी निर्मितियां जिनमें 0.1 प्रतिशत से अधिक कोकेन हो ;
(vi) “कोका की पत्ती” से अभिप्रेत है-
(क) कोका के पौधे की पत्ती, सिवाय उस पत्ती के जिससे सभी ऐकगोनिन, कोकेन और कोई अन्य ऐकगोनिन ऐल्केलाइड निकाल लिए गए हैं ;
(ख) उनका कोई मिश्रण चाहे वह निष्प्रभावी पदार्थ सहित या उसके बिना हो,
किन्तु इसके अन्तर्गत कोई ऐसी निर्मिति नहीं है जिसमें 0.1 प्रतिशत से अनधिक कोकेन है ;
(vii) “कोका का पौधा” से ऐरिथ्रोजाइलान वंश की किसी जाति का पौधा अभिप्रेत है ;
(viiक) स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ के संबंध में “वाणिज्यक मात्रा” से केन्द्रीय सरकार द्वारा, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट मात्रा से उच्चतर कोई मात्रा अभिप्रेत है ;
(viiख) “नियंत्रित परिदान” से स्वापक औषधियों, मनःप्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या उनके लिए प्रतिस्थापित पदार्थों के अवैध या संदिग्ध परेषणों को इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के किए जाने में अंतर्वलित व्यक्तियों की पहचान करने की दृष्टि से इस निमित्त सशक्त या धारा 50- क के अधीन सम्यक् रूप से प्राधिकृत किसी अधिकारी की जानकारी में या उसके पर्यवेक्षण के अधीन भारत के राज्यक्षेत्र से बाहर ले जाने, उससे होकर निकालने या उसमें लाने के लिए अनुज्ञात करने की तकनीक अभिप्रेत है ;
(viiग) “तत्स्थानी विधि” से इस अधिनियम के उपबंधों की तत्स्थानी कोई विधि अभिप्रेत है ;
(viiघ)] “नियंत्रित पदार्थ” से ऐसा पदार्थ अभिप्रेत है जिसे केन्द्रीय सरकार, स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों के उत्पादन या विनिर्माण में उसके संभावित प्रयोग के बारे में या किसी अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के किसी उपबंध के बारे में उपलब्ध जानकारी को ध्यान में रखते हुए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियंत्रित पदार्थ घोषित करे ;
(viii) “प्रवहण” से किसी भी प्रकार का कोई प्रवहण अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत कोई वायुयान, यान या जलयान है ;
(viiiक) “आवश्यक स्वापक औषधि” से केंद्रीय सरकार द्वारा चिकित्सीय और वैज्ञानिक उपयोग के लिए अधिसूचित कोई स्वापक औषधि अभिप्रेत है ;
(viiiख) स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थों के संबंध में “अवैध व्यापार” से निम्नलिखित अभिप्रेत है, अर्थात् :-
(i) कोका के पौधे की खेती करना या कोका के पौधे के किसी भाग का संग्रह करना ;
(ii) अफीम पोस्त या किसी कैनेबिस के पौधे की खेती करना ;
(iii) स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों के उत्पादन, विनिर्माण, कब्जा, विक्रय, क्रय, परिवहन, भांडागारण, छिपाव, उपयोग या उपभोग, अंतर्राज्यिक आयात, अंतर्राज्यिक निर्यात, भारत में आयात, भारत से निर्यात या यानांतरण का कार्य करना ;
(iv) स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों के उपखंड (i) से उपखंड (iii) तक में निर्दिष्ट क्रियाकलापों ,से भिन्न किन्हीं क्रियाकलापों में व्यवहार करना ; या
(v) उपखंड (i) से उपखंड (iv) तक में निर्दिष्ट किसी क्रियाकलापों के लिए परिसर का प्रबंध करना या उसे किराए पर देना;
सिवाय उनके जिन्हें इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए आदेश, या जारी की गई किसी अनुज्ञप्ति की किसी शर्त, निबंधन या प्राधिकरण के अधीन अनुज्ञात किया गया है और इसके अंतर्गत निम्नलिखित भी हैं-
(1) पूर्व वर्णित क्रियाकलापों में से किसी का प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः वित्तपोषण करना ;
(2) पूर्व वर्णित क्रियालापों में से किसी के करने को अग्रसर करने में या समर्थन में दुष्प्रेरण या षड्यंत्र करना ; और
(3) पूर्व वर्णित क्रियाकलापों में से किसी में लगे व्यक्तियों को संश्रय देना ;
(ix) “अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन” से अभिप्रेत है,-
(क) स्वापक औषधि एकल कन्वेंशन, 1961, जो संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा मार्च, 1961 में न्यूयार्क में अंगीकार किया गया था ;
(ख) उपखंड (क) में वर्णित कन्वेंशन का संशोधन करने वाला प्रोटोकाल, जो संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा मार्च, 1972 में जेनेवा में अंगीकार किया गया था ;
(ग) मनःप्रभावी पदार्थ कन्वेंशन, 1971, जो संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा फरवरी, 1971 में वियना में अंगीकार किया गया था ; और
(घ) स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों से संबंधित किसी अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन का संशोधन करने वाला कोई अन्य अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन या प्रोटोकाल या अन्य लिखत जिसका इस अधिनियम के प्रारम्भ के पश्चात् भारत द्वारा अनुसमर्थन या अंगीकार किया जाए ;
(x) स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों के संबंध में “विनिर्माण” के अंतर्गत निम्नलिखित हैं,-
(1) उत्पादन से भिन्न ऐसी सभी प्रक्रियाएं जिनके द्वारा ऐसी औषधियां या पदार्थ प्राप्त किए जाएं ;
(2) ऐसी औषधियों या पदार्थों का परिष्करण ;
(3) ऐसी औषधियों या पदार्थों का रूपांतरण ; और
(4) ऐसी औषधियों या पदार्थों के साथ या उनको अंतर्विष्ट करने वाली निर्मितियों का (नुस्खे के आधार पर किसी फार्मेसी में से अन्यत्र) बनाया जाना ;
(xi) “विनिर्मित औषधि” से अभिप्रेत है-
(क) कोका के सभी व्युत्पाद, औषधीय कैनेबिस, अफीम के व्युत्पाद और पोस्त तृण सांद्र ;
(ख) ऐसा कोई अन्य स्वापक पदार्थ या निर्मिति, जिसको केन्द्रीय सरकार, उसकी प्रकृति के बारे में उपलब्ध जानकारी को या किसी अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के अधीन किसी विनिश्चय को यदि कोई हो, ध्यान में रखते हुए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, विनिर्मित औषधि घोषित करे,
किन्तु इसके अन्तर्गत ऐसा कोई स्वापक पदार्थ या निर्मिति नहीं है जिसे केन्द्रीय सरकार, उसकी प्रकृति के बारे में उपलब्ध जानकारी को या किसी अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के अधीन उसकी प्रकृति के या किसी विनिश्चय के बारे में उपलब्ध जानकारी को ध्यान में रखते हुए, राजपत्र में अधिसचूना द्वारा, विनिर्मित औषधि न घोषित करे ;
(xii) “औषधीय कैनेबिस” अर्थात् औषधीय हैम्प से कैनेबिस (हैम्प) का कोई सार या टींक्चर अभिप्रेत है ;
(xiii) “स्वापक आयुक्त” से धारा 5 के अधीन नियुक्त स्वापक आयुक्त अभिप्रेत है ;
(xiv) “स्वापक औषधि” से कोका की पत्ती, कैनेबिस (हैम्प), अफीम, पोस्त तृण अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत सभी विनिर्मित औषधियां हैं ;
(xv) “अफीम” से अभिप्रेत है,-
(क) अफीम पोस्त या स्कंदित रस ; और
(ख) अफीम पोस्त के स्कंदित रस का कोई मिश्रण चाहे वह निष्प्रभावी पदार्थ सहित या उसके बिना हो,
किन्तु इसके अन्तर्गत ऐसी कोई निर्मिति नहीं है जिसमें 0.2 प्रतिशत से अनधिक मार्फीन हो ;
(xvi) “अफीम के व्युत्पाद” से अभिप्रेत है,-
(क) औषधीय अफीम अर्थात् ऐसी अफीम जिसका भारतीय भेषजकोष या केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त अधिसूचित किसी अन्य भेषजकोष की अपेक्षाओं के अनुसार औषधीय प्रयोग के लिए अनुकूलित करने के लिए आवश्यक प्रसंस्कार कर दिया गया है, चाहे वह चूर्ण के रूप में या कणिका के रूप में या अन्यथा हो अथवा निष्प्रभावी पदार्थों से मिश्रित हो ;
(ख) निर्मित अफीम अर्थात् अफीम को ध्रूमपान के उपयुक्त सार में रूपांतरित करने के लिए परिकल्पित किन्हीं क्रमबद्ध संक्रियाओं द्वारा अभिप्राप्त अफीम का कोई उत्पाद और अफीम का धूम्रपान करने के पश्चात् बचा हुआ कोई मंडूर या अन्य अवशेष ;
(ग) फिनेंथ्रन ऐल्केलाइड, अर्थात् मार्फीन, कोडीन, थिबेन और उनके लवण ;
(घ) डाइऐसीटल मार्फीन अर्थात् ऐल्केलाइड जिसे डाइ-मार्फीन या हिरोइन कहा जाता है और उसका लवण ; और
(ङ) सभी निर्मितियां, जिनमें 0.2 प्रतिशत से अधिक मार्फीन या डाइऐसीटल मार्फीन हो ;
(xvii) “अफीम पोस्त” से अभिप्रेत है,-
(क) पैपेवर सोम्नीफेरम एल० जातियों का पौधा ; और
(ख) पैपेवर की किसी अन्य जाति का पौधा जिससे अफीम या फिनेंथ्रन ऐल्केलाइड निकाला जा सकता है और जिसे केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अफीम पोस्त घोषित करे ;
(xviii) “पोस्त तृण” से फसल कटाई के पश्चात् अफीम पोस्त के (बीजों के सिवाय) सभी भाग अभिप्रेत हैं चाहे वे मूल रूप में या कटे हुए, संदलित या चूर्णित हों और चाहे उनमें से रस निकाला गया हो या न निकाला गया हो ;
(xix) “पोस्त तृण सांद्र” से अभिप्रेत है उस समय उत्पन्न पदार्थ जब पोस्त तृण का उसके ऐल्केलाइड के सांद्रण के लिए प्रसंस्कार प्रारम्भ कर दिया गया हो ;
(xx) स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ के सम्बन्ध में “निर्मिति” से अभिप्रेत है खुराक के रूप में कोई एक या अधिक ऐसी औषधियां या पदार्थ या ऐसी एक या अधिक औषधियां या पदार्थ को अन्तर्विष्ट करने वाला कोई घोल या मिश्रण चाहे वह किसी भी भौतिक स्थिति में हो ;
(xxi) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है ;
(xxii) “उत्पादन” से अफीम, पोस्त तृण कोका की पत्तियों या कैनेबिस का ऐसे पौधों से, जिनसे वे प्राप्त होते हैं, पृथक् किया जाना अभिप्रेत है ;
(xxiii) “मनःप्रभावी पदार्थ” से अभिप्रेत है कोई प्राकृतिक या संश्लिष्ट पदार्थ या कोई प्राकृतिक सामग्री अथवा ऐसे पदार्थ या सामग्री का कोई लवण जो अनुसूची में विनिर्दिष्ट मनःप्रभावी पदार्थों की सूची में सम्मिलित निर्मिति ;
(xxiiiक) स्वापक औषधी और मनःप्रभावी पदार्थ के संबंध में “अल्प मात्रा” से केन्द्रीय सरकार द्वारा, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट मात्रा से न्यूनतर कोई मात्रा अभिप्रेत है ;
(xxiv) “अंतर्राज्यिक आयात” से भारत के किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में भारत के किसी दूसरे राज्य या संघ राज्यक्षेत्र से लाना अभिप्रेत है ;
(xxv) “भारत में आयात” से उसके व्याकरणिक रूपभेदों और सजातीय पदों सहित, भारत के बाहर के किसी स्थान से भारत में लाना अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत भारत में किसी पत्तन या विमानपत्तन या स्थान में ऐसी कोई स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ लाना है, जिसे ऐसे किसी जलयान, वायुयान, यान या किसी अन्य प्रवहण से, जिसमें उसका वहन किया जा रहा है, हटाए बिना भारत के बाहर ले जाने का आशय है ।
स्पष्टीकरण- इस खंड और खंड (xxvi) के प्रयोजनों के लिए “भारत” के अन्तर्गत भारत के राज्यक्षेत्रीय सागरखंड हैं ;
(xxvi) “भारत से निर्यात” से, उसके व्याकरणिक रूपभेदों और सजातीय पदों सहित, भारत के बाहर किसी स्थान तक भारत से बाहर में ले जाना अभिप्रेत है ;
(xxvii) “अंतर्राज्यिक निर्यात” से भारत के किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र से भारत के किसी दूसरे राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में ले जाना अभिप्रेत है ;
(xxviii) “परिवहन” से उसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना अभिप्रेत है ;
(xxviiiक) स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थों के संबंध में, “उपयोग” से व्यक्तिगत उपयोग को छोड़कर किसी भी प्रकार का उपयोग अभिप्रेत है ;
(xxix) उन शब्दों और पदों के, जो इसमें प्रयुक्त हैं और परिभाषित नहीं हैं, किन्तु दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) में परिभाषित हैं, वही अर्थ होंगे जो उस संहिता में हैं ।
स्पष्टीकरण- खण्ड (v), खण्ड (vi), खण्ड (xv) और खण्ड (xvi)के प्रयोजनों के लिए द्रव निर्मितियों की दशा में प्रतिशतता का परिकलन इस आधार पर किया जाएगा कि उस निर्मिति से जिसमें पदार्थ का एक प्रतिशत है ऐसी निर्मिति अभिप्रेत है जिसमें उस पदार्थ का, यदि वह ठोस है तो, एक ग्राम या उस पदार्थ का यदि वह द्रव है तो एक मिलीलीटर, उस निर्मिति के प्रत्येक एक सौ मिलीलीटर में अन्तर्विष्ट है और यही अनुपात किसी अधिक या कम प्रतिशतता के लिए होगा :
परन्तु केन्द्रीय सरकार, द्रव निर्मितियों में प्रतिशतताओं की संगणना की पद्धतियों के क्षेत्र में हुए विकासों को ध्यान में रखते हुए, नियमों द्वारा, ऐसे कोई अन्य आधार विहित कर सकेगी जो वह ऐसी संगणना के लिए समुचित समझे ।
2 NDPS Act in Hindi —Definitions —
In this Act, unless the context otherwise requires,–
1[(i) “addict” means a person who has dependence on any narcotic drug or psychotropic substance;]
(ii) “Board” means the Central Board of Excise and Customs constituted under the Central Boards of Revenue Act, 1963 (54 of 1963);
(iii) “cannabis (hemp)” means–
(a) charas, that is, the separated resin, in whatever form, whether crude or purified, obtained from the cannabis plant and also includes concentrated preparation and resin known as hashish oil or liquid hashish; (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(b) ganja, that is, the flowering or fruiting tops of the cannabis plant (excluding the seeds and leaves when not accompanied by the tops), by whatever name they may be known or designated; and
(c) any mixture, with or without any neutral material, of any of the above forms of cannabis or any rink prepared therefrom;
(iv) “cannabis plant” means any plant of the genus cannabis;
2[(iva) “Central Government factories” means factories owned by the Central Government or factories owned by any company in which the Central Government holds at least fifty-one per cent. of the paid-up share capital;]
(v) “coca derivative” means–
(a) crude cocaine, that is, any extract of coca leaf which can be used, directly or indirectly, for the manufacture of cocaine; (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(b) ecgonine and all the derivatives of ecgonine from which it can be recovered;
(c) cocaine, that is, methyl ester of benzoyl-ecgonine and its salts; and
(d) all preparations containing more than 0.1 per cent. of cocaine;
(vi) “coca leaf” means–
(a) the leaf of the coca plant except a leaf from which all ecgonine, cocaine and any other ecgonine alkaloids have been removed;
(b) any mixture thereof with or without any neutral material,
but does not include any preparation containing not more than 0.1 per cent. of cocaine;
(vii) “coca plant” means the plant of any species of the genus Frythroxylon;
3[(viia) “commercial quantity”, in relation to narcotic drugs and psychotropic substances, means any quantity greater than the quantity specified by the Central Government by notification in the Official Gazette; (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(viib) “controlled delivery” means the technique of allowing illicit or suspect consignments of narcotic drugs, psychotropic substances, controlled substances or substances substituted for them to pass out of, or through or into the territory of India with the knowledge and under the supervision of an officer empowered in this behalf or duly authorised under section 50A with a view to identifying the persons involved in the commission of an offence under this Act;
(viic) “corresponding law” means any law corresponding to the provisions of this Act;]
4[5[(viid)] “controlled substance” means any substance which the Central Government may, having regard to the available information as to its possible use in the production or manufacture of narcotic drugs or psychotropic substances or to the provisions of any International Convention, by notification in the Official Gazette, declare to be a controlled substance;] (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(viii) “conveyance” means a conveyance of any description whatsoever and includes any aircraft, vehicle or vessel;
2[(viiia) “essential narcotic drug” means a narcotic drug notified by the Central Government for medical and scientific use;]
4[6[(viiib)] “illicit traffic”, in relation to narcotic drugs and psychotropic substances, means–
(i) cultivating any coca plant or gathering any portion of coca plant;
(ii) cultivating the opium poppy or any cannabis plant;
(iii) engaging in the production, manufacture, possession, sale, purchase, transportation, warehousing, concealment, use or consumption, import inter-State, export inter-State, import into India, export from India or transhipment, of narcotic drugs or psychotropic substances;
(iv) dealing in any activities in narcotic drugs or psychotropic substances other than those referred to in sub-clauses (i) to (iii); or
(v) handling or letting out any premises for the carrying on of any of the activities referred to in sub-clauses (i) to (iv),
other than those permitted under this Act, or any rule or order made, or any condition of any licence, term or authorisation issued, thereunder, and includes–
(1) financing, directly or indirectly, any of the aforementioned activities;
(2) abetting or conspiring in the furtherance of or in support of doing any of the aforementioned activities; and (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(3) harbouring persons engaged in any of the afore-mentioned activities;]
(ix) “International Convention” means–
(a) the Single Convention on Narcotic Drugs, 1961 adopted by the United Nations Conference at New York in March, 1961;
(b) the Protocol, amending the Convention mentioned in sub-clause (a), adopted by the United Nations Conference at Geneva in March, 1972;
(c) the Convention on Psychotropic Substances, 1971 adopted by the United Nations Conference at Vienna in February, 1971; and
(d) any other international convention, or protocol or other instrument amending an international convention, relating to narcotic drugs or psychotropic substances which may be ratified or acceded to by India after the commencement of this Act;
(x) “manufacture”, in relation to narcotic drugs or psychotropic substances, includes–
(1) all processes other than production by which such drugs or substances may be obtained;
(2) refining of such drugs or substances;
(3) transformation of such drugs or substances; and
(4) making of preparation (otherwise than in a pharmacy on prescription) with or containing
such drugs or substances;
(xi) “manufactured drug” means–
(a) all coca derivatives, medicinal cannabis, opium derivatives and poppy straw concentrate; (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(b) any other narcotic substance or preparation which the Central Government may, having regard to the available information as to its nature or to a decision, if any, under any International Convention, by notification in the Official Gazette, declare to be a manufactured drug,
but does not include any narcotic substance or preparation which the Central Government may, having regard to the available information as to its nature or to a decision, if any, under any International Convention, by notification in the Official Gazette, declare not to be a manufactured drug;
(xii) “medicinal cannabis”, that is, medicinal hemp, means any extract or tincture of cannabis (hemp); (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(xiii) “Narcotics Commissioner” means the Narcotics Commissioner appointed under section 5;
(xiv) “narcotic drug” means coca leaf, cannabis (hemp), opium, popy straw and includes all manufactured drugs;
(xv) “opium” means–
(a) the coagulated juice of the opium poppy; and
(b) any mixture, with or without any neutral material, of the coagulated juice of the opium poppy,
but does not include any preparation containing not more than 0.2 per cent. of morphine;
(xvi) “opium derivative” means–
(a) medicinal opium, that is, opium which has undergone the processes necessary to adapt it for medicinal use in accordance with the requirements of the Indian Pharmacopoeia or any other pharmacopoeia notified in this behalf by the Central Government, whether in powder form or granulated or otherwise or mixed with neutral materials; (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(b) prepared opium, that is, any product of opium obtained by any series of operations designed to transform opium into an extract suitable for smoking and the dross or other residue remaining after opium is smoked;
(c) phenanthrene alkaloids, namely, morphine, codeine, thebaine and their salts;
(d) diacetylmorphine, that is, the alkaloid also known as dia-morphine or heroin and its salts; and
(e) all preparations containing more than 0.2 per cent. of morphine or containing any diacetylmorphine;
(xvii) “opium poppy” means–
(a) the plant of the species Papaver somniferum L; and
(b) the plant of any other species of Papaver from which opium or any phenanthrene alkaloid can be extracted and which the Central Government may, by notification in the Official Gazette, declare to be opium poppy for the purposes of this Act;
(xviii) “poppy straw” means all parts (except the seeds) of the opium poppy after harvesting whether in their original form or cut, crushed or powdered and whether or not juice has been extracted therefrom; (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(xix) “poppy straw concentrate” means the material arising when poppy straw has entered into a process for the concentration of its alkaloids;
(xx) “preparation”, in relation to a narcotic drug or psychotropic substance, means any one or more such drugs or substances in dosage form or any solution or mixture, in whatever physical state, containing one or more such drugs or substances;
(xxi) “Prescribed” means prescribed by rules made under this Act;
(xxii) “production” means separation of opium, poppy straw, coca leaves or cannabis from the plants from which they are obtained;
(xxiii) “Psychotropic substance” means any substance, natural or synthetic, or any natural material or any salt or preparation of such substance or material included in the list of psychotropic substances specified in the Schedule;
7[(xxiiia) “small quantity”, in relation to narcotic drugs and psychotropic substances, means any quantity lesser than the quantity specified by the Central Government by notification in the Official Gazette;]
(xxiv) “to import inter-State” means to bring into a State or Union territory in India from another State or Union territory in India;
(xxv) “to import into India”, with its grammatical variations and cognate expressions, means to bring into India from a place outside India and includes the bringing into any port or airport or place in India of a narcotic drug or a psychotropic substance intended to be taken out of India without being removed from the vessel, aircraft, vehicle or any other conveyance in which it is being carried.
Explanation.–For the purposes of this clause and clause (xxvi), “India” includes the territorial waters of India. (धारा 2 एनडीपीएस एक्ट)
(xxvi) “to export from India”, with its grammatical variations and cognate expressions, means to take out of India to a place outside India;
(xxvii) “to export inter-State” means to take out of a State or Union territory in India to another State or Union territory in India;
(xxviii) “to transport” means to take from one place to another within the same State or Union territory;
8[(xxviiia) “use”, in relation to narcotic drugs and psychotropic substances, means any kind of use except personal consumption;]
(xxix) words and expressions used herein and not defined but defined in the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974) have the meanings respectively assigned to them in that Code.
Explanation.–For the purposes of clauses (v), (vi), (xv) and (xvi) the percentages in the case of liquid preparations shall be calculated on the basis that a preparation containing one per cent. of a substance means a preparation in which one gram of substance, if solid, or one mililitre of substance, if liquid, is contained in every one hundred mililitre of the preparation and so on in proportion for any greater or less percentage:
Provided that the Central Government may, having regard to the developments in the field of methods of calculating percentages in liquid preparations prescribe, by rules, any other basis which it may deem appropriate for such calculation.