धारा 21 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम — कतिपय दशाओं में प्रतिकर अधिनिर्णीत करने की शक्ति –
(1) किसी संविदा के विनिर्दिष्ट पालन के लिये लाए गए किसी वाद में, वादी, ऐसे पालन के अतिरिक्त इसके भंग के लिये प्रतिकर का भी दावा कर सकेगा ।
(2) यदि, ऐसे किसी वाद में, न्यायालय विनिश्चय करे कि विनिर्दिष्ट पालन स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, किन्तु पक्षकारों के मध्य कोई संविदा है जो प्रतिवादी द्वारा खंडित की गई है, और यह कि उस भंग के लिये वादी प्रतिकर का हकदार है, तो वह तदनुसार ऐसा प्रतिकर अधिनिर्णीत करेगा ।
(3) यदि, ऐसे किसी वाद में, न्यायालय विनिश्चय करे कि विनिर्दिष्ट पालन स्वीकार किया जाना चाहिए, किन्तु मामले में न्याय की तुष्टि के लिए यह पर्याप्त नहीं हो और यह कि वादी को संविदा के भंग के लिये कुछ प्रतिकर भी दिया जाना चाहिए, तो वह तदनुसार ऐसा प्रतिकर अधिनिर्णीत करेगा ।
(4) इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत किसी प्रतिकर की राशि के अवधारण में, न्यायालय भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 (1872 का 9) की धारा 73 में विनिर्दिष्ट सिद्धांतों द्वारा मार्गदर्शित होगा ।
(5) इस धारा के अधीन कोई प्रतिकर अधिनिर्णीत नहीं किया जाएगा जब तक कि वादी ने ऐसे प्रतिकर का उसके वादपत्र में दावा न किया हो :
परन्तु यह कि जहाँ वादी ने ऐसे किसी प्रतिकर का वादपत्र में दावा न किया हो तो न्यायालय उसे, कार्यवाही के किसी भी प्रक्रम पर ऐसे प्रतिकर को दावे में सम्मिलित करने के लिये ऐसे निबंधनों पर जैसे कि न्यायसंगत हों, वादपत्र में संशोधन करना मंजूर करेगा ।
स्पष्टीकरण– यह परिस्थिति कि संविदा विनिर्दिष्ट पालन किये जाने से असमर्थ हो गई है, न्यायालय को इस धारा द्वारा प्रदत्त अधिकारिता के प्रयोग से प्रवारित नहीं करती ।
Section 21 Specific Relief Act — Power to award compensation in certain cases —
(1) In a suit for specific performance of a contract, the plaintiff may also claim compensation for its breach 1[in addition to] such performance.
(2) If, in any such suit, the court decides that specific performance ought not to be granted, but that there is a contract between the parties which has been broken by the defendant, and that the plaintiff is entitled to compensation for that breach, it shall award him such compensation accordingly.
(3) If, in any such suit, the court decides that specific performance ought to be granted, but that it is not sufficient to satisfy the justice of the case, and that some compensation for breach of the contract should also be made to the plaintiff, it shall award him such compensation accordingly.
(4) In determining the amount of any compensation awarded under this section, the court shall be guided by the principles specified in section 73 of the Indian Contract Act, 1872 (9 of 1872). धारा 21 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
(5) No compensation shall be awarded under this section unless the plaintiff has claimed such compensation in his plaint: धारा 21 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
Provided that where the plaintiff has not claimed any such compensation in the plaint, the court shall, at any stage of the proceeding, allow him to amend the plaint on such terms as may be just, for including a claim for such compensation. धारा 21 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
Explanation.The circumstances that the contract has become incapable of specific performance does not preclude the court from exercising the jurisdiction conferred by this section.