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धारा 26 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम | 26 Sexual Harassment of Women at Workplace Act in hindi

धारा 26 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम अधिनियम के उपबंधों के अननुपालन के लिए शास्ति

(1) जहाँ कोई नियोजक,- 

(क) धारा 4 की उपधारा (1) के अधीन एक आंतरिक समिति का गठन करने में असफल रहता;

(ख) धाराओं 13, 14 और 22 के अधीन कार्रवाई करने में असफल रहता है; और

(ग) इस अधिनियम के अन्य उपबंधों या तद्‌धीन बनाए गए किन्हीं नियमों का उल्लंघन करता है या उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उनके उल्लंघन को दुष्प्रेरित करता है, 

वहाँ वह ऐसे जुर्माने से, जो पचास हजार रुपये तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।

(2) यदि कोई नियोजक पूर्व में, इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय किसी अपराध में सिद्धदोष ठहराए पर, बाद में उसी अपराध को पुनः कारित करता है और उसके लिए सिद्धदोष ठहराया जाता है तो वह,-

(i) उसी अपराध के लिए उपबंधित अधिकतम दण्ड के अधीन रहते हुए, पहली दोषसिद्धि पर अधिरोपणीय दण्ड से दुगुने दण्ड का दायी होगा:

परन्तु यदि तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन उस अपराध के लिए, जिसके संबंध में आरोपी का अभियोजन किया जा रहा है, कोई उच्चतर दण्ड विहित है तो न्यायालय दण्ड देते समय उसका सम्यक् संज्ञान लेगा।

(ii) सरकार या स्थानीय प्राधिकारी द्वारा उसके कारबार या क्रियाकलाप को चलाने के लिये अपेक्षित, यथास्थिति, उसकी अनुज्ञप्ति के रद्द किए जाने या रजिस्ट्रीकरण को प्रत्याहृत किए जाने या नवीकरण न किए जाने या अननुमोदन या रद्दकरण के लिए दायी होगा।। 


26 Sexual Harassment of Women at Workplace ActPenalty for non-compliance with provisions of Act-

(1) Where the employer fails to—

(a) constitute an Internal Committee under sub-section (1) of section 4;

(b) take action under sections 13, 14 and 22; and

(c) contravenes or attempts to contravene or abets contravention of other provisions of this Act or any rules made thereunder,

he shall be punishable with fine which may extend to fifty thousand rupees.

(2) If any employer, after having been previously convicted of an offence punishable under this Act subsequently commits and is convicted of the same offence, he shall be liable to—

(i) twice the punishment, which might have been imposed on a first conviction, subject to the punishment being maximum provided for the same offence:

Provided that in case a higher punishment is prescribed under any other law for the time being in force, for the offence for which the accused is being prosecuted, the court shall take due cognizance of the same while awarding the punishment;

(ii) cancellation, of his licence or withdrawal, or non-renewal, or approval, or cancellation of the registration, as the case may be, by the Government or local authority required for carrying on his business or activity.

धारा 26 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम