धारा 28 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — कतिपय स्थानों तथा क्षेत्रों के लिए आदेश. ––
(1) इस अधिनियम के किसी अन्य उपबन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, राज्य सरकार, –
(क) किसी ऐसे अन्य स्थान या क्षेत्र के बारे में, जो उनके द्वारा संरक्षित स्थान या संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है; या
(ख) किसी ऐसे अन्य स्थान या क्षेत्र के बारे में, जिसके सम्बन्ध में उसे यह आवश्यक प्रतीत होता हो कि ध्वंसक कार्यवाहियों को रोकने या दबाने के लिए या समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक प्रदायों तथा सेवाओं को बनाये रखने के लिए विशेष पूर्वावधानियाँ बरती जायें,
ऐसे स्थान या क्षेत्र में व्यक्तियों के प्रवेश को या ऐसे स्थान या क्षेत्र या उसके सामीप्य में उनके आचरण को नियंत्रित या विनियमित करने के लिये आदेश कर सकेगी।
(2) पूर्वगामी उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, किसी स्थानीय क्षेत्र के सम्बन्ध में उपधारा (1) के अधीन किये गये आदेशों में निम्नलिखित बातों के लिये उपबन्ध हो सकेंगे, –
(क) ऐसे स्थान या क्षेत्र में व्यक्तियों के प्रवेश को निर्बन्धित करने के लिये और किसी ऐसे व्यक्ति को, जो आदेशों के उल्लंघन में उस स्थान या क्षेत्र में हों या जो इस अधिनियम के उपबन्धों के किसी उल्लंघन के लिये सिद्धदोष ठहराया जा चुका हो, वहाँ से हटाने के लिये;
(ख) यह अपेक्षा करने के लिये कि ऐसे स्थान या क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग की उपस्थिति विहित प्राधिकारी को अधिसूचित की जाये, और किसी ऐसे व्यक्ति से, जो किसी ऐसे अपराध के लिये सिद्धदोष ठहराया गया हो, जैसा कि इस उपधारा के खण्ड (क) में उल्लिखित है, यह अपेक्षा करने के लिये कि वह ऐसे स्थान या क्षेत्र में रहते समय अपने आने-जाने की रिपोर्ट दे और किसी ऐसी अन्य शर्त का अनुपालन करे जो कि विहित प्राधिकारी द्वारा उस पर अधिरोपित की गई हो;
(ग) ऐसे स्थान या क्षेत्र के किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग से यह अपेक्षा करने के लिये कि वे पहचान के लिये ऐसी दस्तावेजी साक्ष्य अपने साथ रखें जो कि विहित की जाये ;और
(घ) किसी व्यक्ति वा व्यक्तियों के वर्ग को कोई विनिर्दिष्ट वस्तु अपने कब्जे या नियंत्रण में रखने से प्रतिषिद्ध करने के लिये ।
(3) किसी संरक्षित स्थान या संरक्षित क्षेत्र के सम्बन्ध में इस धारा के अधीन किये गये किसी आदेश द्वारा ऐसे स्थान या क्षेत्र को इस अधिनियम के ऐसे समस्त उपबन्धों से या उनमें से किन्हीं भी ऐसे उपबन्धों से, जिनका कि यथास्थिति किसी संरक्षित स्थान या संरक्षित क्षेत्र को या उसके सम्बन्ध में लागू होना अभिव्यक्त हो, छूट दी जा सकेगी या यह निर्दिष्ट किया जा सकेगा कि उक्त समस्त उपबन्ध या उनमें से कोई भी उपबन्ध ऐसे उपान्तरणों के अध्यधीन रहते हुए लागू होंगे जो आदेश में निर्दिष्ट किये जायें।
(4) किसी ऐसे स्थान या क्षेत्र के सम्बन्ध में जो संरक्षित स्थान या संरक्षित क्षेत्र न हो, इस धारा के अधीन किये गये आदेश द्वारा यह निर्दिष्ट किया जा सकेगा कि इस अधिनियम के समस्त उपबन्ध या उनमें से कोई उपबन्ध, जिनका यथास्थिति किसी संरक्षित स्थान या संरिक्षत क्षेत्र को या उसके सम्बन्ध में लागू होना अभिव्यक्त हो, उस स्थान या क्षेत्र को, या उसके सम्बन्ध में, जिसके कि बारे में आदेश किया गया हो या तो उपान्तरण के बिना या ऐसे उपान्तरण के साथ लागू होंगे जो आदेश में विनिर्दिष्ट किया जाये ।
(5) यदि कोई व्यक्ति इस धारा के अधीन किये गये किसी आदेश का उल्लंघन करेगा, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।