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धारा 30 घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 | Section 30 Domestic Violence Act in hindi

धारा 30 घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 — संरक्षा अधिकारीगण और सेवा प्रदायकर्त्तागण के सदस्यगण का लोक सेवकगण होना

संरक्षा अधिकारीगण और सेवा प्रदायकर्त्तागण के सदस्यगण, इस अधिनियम के किसी भी उपबन्धों या इसके तहत् विनिर्मित किन्हीं भी नियमों या आदेशों के अनुसरण में कार्य करते समय या कार्य करने में तात्पर्यित होते समय, को भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45 ) की धारा 21 के अर्थ के भीतर लोक सेवकगण होना समझा जाएगा।


Section 30 Domestic Violence Act — Protection Officers and members of service providers to be public servants —

The Protection Officers and members of service providers, while acting or purporting to act in pursuance of any of the provisions of this Act or any rules or orders made thereunder shall be deemed to be public servants within the meaning of section 21 of the Indian Penal Code (45 of 1860).


धारा 30 घरेलू हिंसा अधिनियम 2005