धारा 32 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — अपराधियों को संश्रय देने के लिये शास्ति –
जो कोई किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसने इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किया है, जानकर मदद या सहायता देगा या संश्रय देगा या उसे छिपायेगा, वह ऐसे अपराध के लिये उपबन्धित दण्ड से दण्डनीय होगा ।
स्पष्टीकरण – इस उपधारा के प्रयोजन के लिये शब्द “संश्रय” के अन्तर्गत है किसी व्यक्ति को आश्रय, भोजन, पेय, धन, वस्त्र, आयुध, गोला-बारूद या प्रवहण के साधन देना या किन्हीं साधनों से, चाहे वे उसी प्रकार के हो या नहीं जिस प्रकार के इस धारा में परिणित हैं, किसी व्यक्ति की सहायता पकड़े जाने से बचने के लिये करना ।