धारा 33 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — परित्राण-–
(1) किसी व्यक्ति के विरुद्ध किसी ऐसी बात के लिये, जो इस अधिनियम या उसके अधीन बनाये गये किन्हीं नियमों या किये गये किन्हीं आदेशों के अनुसरण में सद्भावपूर्वक की गई हो या जिसका सद्भावपूर्वक किया जाना आशयित रहा हो, कोई बाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही नहीं होगी।
(2) इस अधिनियम के अधीन अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबन्धित के सिवाय, सरकार के विरुद्ध किसी भी ऐसे नुकसान के लिये, जो किसी ऐसी बात के कारण हुआ हो या जिसका किसी ऐसी बात के कारण होना सम्भाव्य हो जो इस अधिनियम या उसके अधीन बनाये गये किन्हीं नियमों या किये गये किन्हीं आदेशों के अनुसरण में सद्भावपूर्वक की गई हो या जिसका सद्भावपूर्वक किया जाना आशयित रहा हो, कोई वाद या अन्य विधिक कार्यवाहियाँ नहीं होंगी।