धारा 36 एनडीपीएस एक्ट — विशेष न्यायालयों का गठन –
(1) सरकार, इस अधिनियम के अधीन अपराधों का शीघ्र विचारण करने के प्रयोजन के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उतने विशेष न्यायालयों का, जितने ऐसे क्षेत्र या क्षेत्रों के लिए आवश्यक हों, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं, गठन कर सकेगी ।
(2) विशेष न्यायालय में एकल न्यायाधीश होगा जिसे सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति की सहमति से नियुक्त किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण- इस उपधारा में, “उच्च न्यायालय” से राज्य का ऐसा उच्च न्यायालय अभिप्रेत है जिसमें किसी विशेष न्यायालय का सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश ऐसे न्यायाधीश के रूप में उसकी नियुक्ति के ठीक पहले कार्य कर रहा था ।
(3) कोई भी व्यक्ति किसी विशेष न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए तब तक अर्हित नहीं होगा जब तक वह ऐसी नियुक्ति के ठीक पहले सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश न हो ।
Section 36 NDPS Act — Constitution of Special Court.–
(1) The Government may, for the purpose of providing speedy trial of the offences under this Act, by notification in the Official Gazette, constitute as many Special Court as may be necessary for such area or areas as may be specified in the notification.
(2) A Special Court shall consist of a single Judge who shall be appointed by the Government with the concurrence of the Chief Justice of the High Court.
Explanation.— In this sub-section, “High Court” means the High Court of the State in which the Sessions Judge or the Additional Sessions Judge of a Special Court was working immediately before his appointment as such Judge.
(3) A person shall not be qualified for appointment as a Judge of a Special Court unless he is, immediately before such appointment, a Sessions Judge or an Additional Sessions Judge.