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धारा 4 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम | Section 4 prevention of corruption act in hindi | Section 4 PC Act in hindi

धारा 4 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम — विशेष न्यायाधीशों द्वारा विचारण के प्रकरण. —

(1) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का सं.2) में या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट प्रकरणों का विचारण विशेष न्यायाधीशों द्वारा ही किया जाएगा ।

(2) धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट प्रत्येक अपराध का विचारण उस क्षेत्र के लिए नियुक्त

या उस अपराध के विचारण के लिए नियुक्त या यथास्थिति विशेष न्यायाधीश द्वारा किया जावेगा या उस क्षेत्र में यदि एक से अधिक न्यायाधीश है, तो उस न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा जैसा कि केन्द्रीय सरकार इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे

(3) किसी मामले के विचारण के दौरान, विशेष न्यायाधीश द्वारा धारा 3 में विनिर्दिष्ट अपराधों के अतिरिक्त ऐसे अपराधों की सुनवाई भी कर सकेगा जो दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का सं.2) के अधीन उस अभियुक्त पर उस विचारण के साथ अधिरोपित किए जा सकते हैं

(4) दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, किसी अपराध के लिए विचारण, यथासाध्य रूप से दैनिक आधार पर किया जाएगा और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि उक्त विचारक दो वर्ष की अवधि के भीतर पूरा कर दिया जाता है:

  परंतु जहां विचारण उक्त अवधि के भीतर पूरा नहीं हो पाता है, वहां विशेष न्यायाधीश ऐसा न हो पाने के कारणों को लेखबद्ध करेगा :

  परंतु यह और कि उक्त अवधि को, लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से, एक समय में छह मास से अनधिक आगे और अवधि के लिए विस्तारित किया जा सकेगा; तथापि उक्त अवधि विस्तारित अवधि सहित सामान्य रूप से कुल मिलाकर चार वर्ष से अधिक नहीं होगी ।]


Section 4 prevention of corruption act — Cases triable by special Judges —

(1) Notwithstanding anything contained in the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974), or in any other law for the time being in force, the offences specified in sub-section (1) of section 3 shall be tried by special Judges only.


(2) Every offence specified in sub-section (1) of section 3 shall be tried by the special Judge for the area within which it was committed, or, as the case may be, by the special Judge appointed for the case, or where there are more special Judges than one for such area, by such one of them as may be specified in this behalf by the Central Government.


(3) When trying any case, a special Judge may also try any offence, other than an offence specified in section 3, with which the accused may, under the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974), be charged at the same trial.


1[(4) Notwithstanding anything contained in the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974), the trial of an offence shall be held, as far as practicable, on day-to-day basis and an endeavour shall be made to ensure that the said trial is concluded within a period of two years:



Provided that where the trial is not concluded within the said period, the special Judge shall record the reasons for not having done so:



Provided further that the said period may be extended by such further period, for reasons to be recorded in writing but not exceeding six months at a time; so, however, that the said period together with such extended period shall not exceed ordinarily four years in aggregate.]

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