धारा 4 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम — आंतरिक परिवाद समिति का गठन–
(1) किसी कार्यस्थल का प्रत्येक नियोजक, लिखित आदेश द्वारा, “आंतरिक परिवाद समिति” नामक एक समिति का गठन करेगा:
परन्तु जहाँ कार्यस्थल के कार्यालय या प्रशासनिक यूनिटें भिन्न-भिन्न स्थानों या खंडीय या उपखंडीय स्थलों पर स्थित हैं, वहाँ आंतरिक समिति सभी प्रशासनिक यूनिटों या कार्यालयों में गठित की जाएंगी ।।
(2) आंतरिक समिति नियोजक द्वारा नामनिर्देशित किए जाने वाले निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, अर्थात्-
(क) एक पीठासीन अधिकारी, जो कर्मचारियों में से कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर की नियोजित महिला होगी:
परन्तु किसी वरिष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी के उपलब्ध न होने की दशा में, पीठासीन अधिकारी उपधारा (1) में निर्दिष्ट कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक यूनिटों से नामनिर्देशित किया जाएगा :
परन्तु यह और कि कार्यस्थल के ऐसे अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक यूनिटों में वरिष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी न होने की दशा में, पीठासीन अधिकारी उसी नियोजक के किसी अन्य कार्यस्थल या अन्य विभाग या संगठन से नामनिर्देशित किया जाएगा।
(ख) कर्मचारियों में से दो से अन्यून ऐसे सदस्य, जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति अधिमानी रूप से प्रतिबद्ध हैं या जिनके पास समाज सुधार के कार्य में अनुभव है या विधिक ज्ञान है;
(ग) गैर-सरकारी संगठनों या संगमों से ऐसा एक सदस्य, जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध है या कोई व्यक्ति जो लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित विवाद्यकों से सुपरिचित हो :
परन्तु इस प्रकार नामनिर्देशित कुल सदस्यों में से कम से कम आधे सदस्य महिलाएँ होंगी।
(3) आंतरिक समिति का पीठासीन अधिकारी और प्रत्येक सदस्य अपने नामनिर्देशन की तारीख से तीन वर्ष से अनधिक की ऐसी अवधि के लिए पदधारण करेगा, जो नियोजक द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए।
(4) गैर-सरकारी संगठनों या संगमों में से नियुक्त सदस्य को आंतरिक समिति की कार्यवाहियों के आयोजन के लिए नियोजक द्वारा ऐसी फीस या भत्ते संदत्त किये जाएंगे, जो विहित किए जाएं।
(5) जहाँ आंतरिक समिति का पीठासीन अधिकारी या कोई सदस्य,-
(क) धारा 16 के उपबंधों का उल्लंघन करता है; या
(ख) किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किया जाता है या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन किसी अपराध में उसके विरुद्ध जाँच लंबित है; या
(ग) वह अनुशासनात्मक कार्यवाहियों में दोषी पाया जाता है या उसके विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित है;
(घ) उसने अपनी हैसियत का इस प्रकार दुरुपयोग किया है, जिससे उसका पद पर बने रहना लोक हित के प्रतिकूल हो गया है,
वहाँ, यथास्थिति, ऐसे पीठासीन अधिकारी या सदस्य को समिति से हटा दिया जाएगा और इस प्रकार सृजित रिक्ति या किसी अन्य आकस्मिक रिक्ति को इस धारा के उपबंधों के अनुसार नए नामनिर्देशन द्वारा भरा जाएगा।
4 Sexual Harassment of Women at Workplace Act – Constitution of Internal Complaints Committee –
(1) Every employer of a workplace shall, by an order in writing, constitute a Committee to be known as the “Internal Complaints Committee”:
Provided that where the offices or administrative units of the workplace are located at different places or divisional or sub-divisional level, the Internal Committee shall be constituted at all administrative units or offices.
(2) The Internal Committees shall consist of the following members to be nominated by the employer, namely:—
(a) a Presiding Officer who shall be a woman employed at a senior level at workplace from amongst the employees:
Provided that in case a senior level woman employee is not available, the Presiding Officer shall be nominated from other offices or administrative units of the workplace referred to in sub-section(1):
Provided further that in case the other offices or administrative units of the workplace do not have a senior level woman employee, the Presiding Officer shall be nominated from any other workplace of the same employer or other department or organisation;
(b) not less than two Members from amongst employees preferably committed to the cause of women or who have had experience in social work or have legal knowledge;
(c) one member from amongst non-governmental organisations or associations committed to the cause of women or a person familiar with the issues relating to sexual harassment:
Provided that at least one-half of the total Members so nominated shall be women.
(3) The Presiding Officer and every Member of the Internal Committee shall hold office for such period, not exceeding three years, from the date of their nomination as may be specified by the employer.
(4) The Member appointed from amongst the non-governmental organisations or associations shall be paid such fees or allowances for holding the proceedings of the Internal Committee, by the employer, as may be prescribed.
(5) Where the Presiding Officer or any Member of the Internal Committee,—
(a) contravenes the provisions of section 16; or
(b) has been convicted for an offence or an inquiry into an offence under any law for the time being in force is pending against him; or
(c) he has been found quilty in any disciplinary proceedings or a disciplinary proceeding is pending against him; or
(d) has so abused his position as to render his continuance in office prejudicial to the public interest,
such Presiding Officer or Member, as the case may be, shall be removed from the Committee and the vacancy so created or any casual vacancy shall be filled by fresh nomination in accordance with the provisions of this section.