धारा 49 किशोर न्याय अधिनियम 2015 — सुरक्षित स्थान. –
(1) राज्य सरकार, धारा 41 के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी राज्य में कम से कम एक सुरक्षित स्थान की स्थापना करेगी जिससे अठारह वर्ष से अधिक आयु के किसी व्यक्ति को या विधि का उल्लंघन करने वाले किसी बालक को, जो सोलह से अठारह वर्ष की आयु के बीच का है और कोई जघन्य अपराध कारित करने का अभियुक्त है या सिद्धदोष ठहराया गया है, रखा जा सके ।
(2) प्रत्येक सुरक्षित स्थान में जांच की प्रक्रिया के दौरान ऐसे बालकों या व्यक्तियों के और कोई अपराध कारित करने के दोषसिद्ध बालकों या व्यक्तियों के ठहरने के लिए अलग प्रबंध और सुविधाएं होंगी ।
(3) राज्य सरकार, नियमों द्वारा उस प्रकार के स्थानों को, जिन्हें उपधारा (1) के अधीन सुरक्षित स्थान के रूप में अभिहित किया जा सकता है और उन सुविधाओं और सेवाओं को, जिनका उसमें उपबंध किया जाए, विहित कर सकेगी ।
Section 49 Juvenile Justice Act 2015 — Place of safety —
(1) The State Government shall set up atleast one place of safety in a State registered under section 41, so as to place a person above the age of eighteen years or child in conflict with law, who is between the age of sixteen to eighteen years and is accused of or convicted for committing a heinous offence.
(2) Every place of safety shall have separate arrangement and facilities for stay of such children or persons during the process of inquiry and children or persons convicted of committing an offence.
(3) The State Government may, by rules, prescribe the types of places that can be designated as place of safety under sub-section (1) and the facilities and services that may be provided therein.