धारा 54 किशोर न्याय अधिनियम 2015 — इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत संस्थाओं का निरीक्षण –
(1) राज्य सरकार,यथास्थिति, राज्य या जिले के लिए इस अधिनियम के अधीन योग्य होने के रूप में रजिस्ट्रीकृत या मान्यताप्राप्त सभी संस्थाओं के लिए ऐसी अवधि के लिए और ऐसे प्रयोजनों के लिए, जो विहित किए जाएँ, निरीक्षण समितियां नियुक्त करेगी ।
(2) ऐसी निरीक्षण समितियां, तीन सदस्यों से अन्यून के एक दल में, जिसमें कम से कम एक महिला होगी और एक चिकित्सा अधिकारी होगा, आबंटित क्षेत्रों में तीन मास में कम से कम एक बार बालक रखने वाली सुविधा तंत्रों का आज्ञापक रूप से निरीक्षण करेंगी और उनके निरीक्षण के एक सप्ताह के भीतर ऐसे निरीक्षण के निष्कर्षो की रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई के लिए, जिला मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करेंगी।
(3) निरीक्षण समिति द्वारा निरीक्षण के एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने पर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एक मास के भीतर समुचित कार्रवाई की जाएगी और राज्य सरकार को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
Section 54 Juvenile Justice Act 2015 — Inspection of institutions registered under this Act —
(1) The State Government shall appoint inspection committees for the State and district, as the case may be, for all institutions registered or recognised to be fit under this Act for such period and for such purposes, as may be prescribed.
(2) Such inspection committees shall mandatorily conduct visits to all facilities housing children in the area allocated, at least once in three months in a team of not less than three members, of whom at least one shall be a woman and one shall be a medical officer, and submit reports of the findings of such visits within a week of their visit, to the 1[District Magistrate], for further action.
(3) On the submission of the report by the inspection committee within a week of the inspection, appropriate action shall be taken within a month by the 2[District Magistrate] and a compliance report shall be submitted to the State Government.