धारा 55 भारतीय संविदा अधिनियम — उस संविदा में जिसमें समय मर्मभूत है नियत समय पर पालन न करने का प्रभाव —
जबकि किसी संविदा का एक पक्षकार किसी बात को विनिर्दिष्ट समय पर या उसके पूर्व, या किन्हीं बातों को विनिर्दिष्ट समयों पर या उनसे पूर्व करने का वचन दे और ऐसी किसी भी बात को उस विनिर्दिष्ट समय पर या उससे पूर्व करने में असफल रहे, तब वह संविदा या उसमें से उतनी, जितनी का पालन न किया गया हो, वचनग्रहीता के विकल्प पर शून्यकरणीय हो जाएगी। यदि पक्षकारों का आशय यह रहा हो कि समय संविदा का मर्म होना चाहिये।
ऐसी असफलता का प्रभाव जब समय मर्मभूत नहीं है — यदि पक्षकारों का यह आशय न रहा हो कि समय संविदा का मर्म होना चाहिये तो संविदा ऐसी बात को विनिर्दिष्ट समय पर या उससे पूर्व करने में असफल रहने से शून्यकरणीय नहीं होगी, किन्तु वचनग्रहीता ऐसी असफलता से उसे हुई किसी भी हानि के लिए वचनदाता से प्रतिकार पाने का हकदार है।
करारित समय से भिन्न समय पर किए गए पालन के प्रतिग्रहण का प्रभाव – यदि ऐसी संविदा की दशा में, जो करारित समय पर वचन के पालन में वचनदाता की असफलता के कारण शून्यकरणीय हो, वचनग्रहीता ऐसे वचन का करारित समय से भिन्न किसी समय पर किया गया पालन प्रतिग्रहीत कर ले तो वचनग्रहीता करारित समय पर वचन के अपालन से हुई किसी हानि के लिए प्रतिकर का दावा नहीं कर सकेगा जब तक कि उसने ऐसे प्रतिग्रहण के समय अपने ऐसा करने के आशय की सूचना वचनदाता को न दे दी हो।
Section 55 Indian Contract Act — Effect of failure to perform at a fixed time, in contract in which time is essential —
When a party to a contract promises to do a certain thing at or before a specified time, or certain things at or before specified times, and fails to do any such thing at or before the specified time, the contract, or so much of it as has not been performed, becomes voidable at the option of the promisee, if the intention of the parties was that time should be of the essence of the contract. धारा 55 भारतीय संविदा अधिनियम
Effect of such failure when time is not essential – If it was not the intention of the parties that time should be of the essence of the contract, the contract does not become voidable by the failure to do such thing at or before the specified time; but the promisee is entitled to compensation from the promisor for any loss occasioned to him by such failure. धारा 55 भारतीय संविदा अधिनियम
Effect of acceptance of performance at time other than that agreed upon – If, in case of a contract voidable on account of the promisor’s failure to perform his promise at the time agreed, the promisee accepts performance of such promise at any time other than that agreed, the promisee cannot claim compensation for any loss occasioned by the nonperformance of the promise at the time agreed, unless, at the time of such acceptance he gives notice to the promisor of his intention to do so.