धारा 64 भारतीय संविदा अधिनियम — शून्यकरणीय संविदा के विखण्डन के परिणाम —
जबकि कोई व्यक्ति, जिसके विकल्प पर कोई संविदा शून्यकरणीय है, उसे विखण्डित कर देता है उसके दूसरे पक्षकार को, उसमें अन्तर्विष्ट किसी वचन का, जिसका वह वचनदाता है, पालन करने की आवश्यकता नहीं है। शून्यकरणीय संविदा को विखण्डित करने वाले पक्षकार ने, यदि ऐसी संविदा के किसी दूसरे पक्षकार से तदधीन कोई फायदा प्राप्त किया है, तो वह ऐसा फायदा, उस व्यक्ति को, जिससे वह प्राप्त किया गया था, यथासम्भव प्रत्यावर्तित कर देगा।
Section 64 Indian Contract Act — Consequences of rescission of a voidable contract –
When a person at whose option a contract is voidable rescinds it, the other party thereto need not perform any promise therein contained in which he is the promisor. The party rescinding a voidable contract shall, if he had received any benefit thereunder from another party to such contract, restore such benefit, so far as may be, to the person from whom it was received.