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धारा 66 सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 | धारा 66 आईटी एक्ट 2000 | Section 66 IT Act 2000 in hindi

धारा 66 आईटी एक्ट 2000कंप्यूटर से संबंधित अपराध

यदि कोई व्यक्ति, धारा 43 में निर्दिष्ट कोई कार्य बेईमानी या कपटपूर्वक करता है तो वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा ।

स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजनों के लिए,–

(क) “बेईमानी से” शब्दों का वही अर्थ होगा जो भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 24 में है;

(ख) “कपटपूर्वक” शब्द का वही अर्थ होगा जो भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 25 में है ।


Section 66 IT Act 2000 –1 [Computer related offences.

If any person, dishonestly or fraudulently, does any act referred to in section 43, he shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to three years or with fine which may extend to five lakh rupees or with both.

Explanation.–For the purposes of this section,–

(a) the word “dishonestly” shall have the meaning assigned to it in section 24 of the Indian Penal Code (45 of 1860);

(b) the word “fraudulently” shall have the meaning assigned to it in section 25 of the Indian Penal Code (45 of 1860).]


1 Subs. by s. 32, ibid., for sections 66 and 67 (w.e.f. 27-10-2009).

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