धारा 66C आईटी एक्ट 2000 – पहचान की चोरी के लिए दंड-
जो कोई कपटपूर्वक या बेईमानी से किसी अन्य व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, पासवर्ड या किसी अन्य विशिष्ट अनन्य पहचान का प्रयोग करेगा, तो वह दोनों में से किसी भी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा, दायी होगा ।
Section 66C IT Act 2000 – Punishment for identity theft —
Whoever, fraudulently or dishonestly make use of the electronic signature, password or any other unique identification feature of any other person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years and shall also be liable to fine which may extend to rupees one lakh.