धारा 67A आईटी एक्ट 2000 – इलेक्ट्रॉनिक रूप में लैंगिक प्रदर्शन कार्य आदि वाली सामग्री को प्रकाशित या पारेषित करने के लिए दंड-
जो कोई, किसी ऐसी सामग्री कोइलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित करता है या पारेषित करता है या प्रकाशित या पारेषित कराता है, जिसमें लैंगिक प्रदर्शन का कार्य या आचरण अंतर्वलित है, पहली दोषसिद्धि पर, किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो दस लाख रुपए तक का हो सकेगा दंडित किया जाएगा और दूसरी या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में, किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी, जो दस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडित किया जाएगा ।
Section 67A IT Act 2000 – Punishment for publishing or transmitting of material containing sexually explicit act, etc., in electronic form —
Whoever publishes or transmits or causes to be published or transmitted in the electronic form any material which contains sexually explicit act or conduct shall be punished on first conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to five years and with fine which may extend to ten lakh rupees and in the event of second or subsequent conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years and also with fine which may extend to ten lakh rupees.