धारा 73 आईटी एक्ट 2000 – इलैक्ट्रानिक चिह्नक प्रमाणपत्र की कतिपय विशिष्टियों को मिथ्या प्रकाशित करने के लिए शास्ति –
(1) कोई व्यक्ति, इलैक्ट्रानिक चिह्नक प्रमाणपत्र को तब तक प्रकाशित नहीं करेगा या किसी अन्य व्यक्ति को अन्यथा उपलब्ध नहीं कराएगा, यदि उसे यह जानकारी है कि-
(क) प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध प्रमाणकर्ता प्राधिकारी ने उसे जारी नहीं किया है; या
(ख) प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध हस्ताक्षरकर्ता ने उसे स्वीकार नहीं किया है;या
(ग) वह प्रमाणपत्र प्रतिसंहृत या निलम्बित कर दिया गया है,
जब तक कि ऐसा प्रकाशन, ऐसे निलम्बन या प्रतिसंहरण से पूर्व सृजित इलैक्ट्रानिक चिह्नक के सत्यापन के प्रयोजनार्थ न हो ।
(2) ऐसा कोई व्यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्लंघन करता है, ऐसे कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकेगी या ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
Section 73 IT Act 2000 – Penalty for publishing 1[electronic signature] Certificate false in certain particulars.—
(1) No person shall publish a 1[electronic signature] Certificate or otherwise make it available to any other person with the knowledge that–
(a) the Certifying Authority listed in the certificate has not issued it; or
(b) the subscriber listed in the certificate has not accepted it; or
(c) the certificate has been revoked or suspended,
unless such publication is for the purpose of verifying a 1[electronic signature] created prior to such suspension or revocation.
(2) Any person who contravenes the provisions of sub-section (1) shall be punished with imprisonment for a term which may extend to two years, or with fine which may extend to one lakh rupees, or with both.
1.Subs. by Act 10 of 2009, s. 38, for section 77 (w.e.f. 27-10-2009).