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मोटर यान अधिनियम की धारा 169 | 169 MV Act in hindi

मोटर यान अधिनियम की धारा 169 —   दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां —

(1) धारा 168 के अधीन कोई जांच करते समय दावा अधिकरण ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त बनाए जाएं, ऐसी संक्षिप्त प्रक्रिया का अनुसरण करेगा जो वह ठीक समझे ।

(2) दावा अधिकरण को शपथ पर साक्ष्य लेने, साक्षियों को हाजिर कराने तथा दस्तावेजों और भौतिक वस्तुओं का प्रकटीकरण और पेशी कराने तथा ऐसे अन्य प्रयोजनों के लिए, जो विहित किए जाएं, सिविल न्यायालय की सब शक्तियां प्राप्त होंगी तथा दावा अधिकरण को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) की धारा 195 और उसके अध्याय 26 के सब प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाएगा ।

(3) ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए जो इस निमित्त बनाए जाएं, दावा अधिकरण, प्रतिकर के किसी दावे का अधिनिर्णय करने के प्रयोजन के लिए, जांच करने में उसे सहायता देने के लिए जांच से सुसंगत किसी विषय का विशेष ज्ञान रखने वाले एक या अधिक व्यक्तियों को चुन सकेगा ।

(4) इसके अधिनिर्णय के प्रवर्तन के प्रयोजन के लिए, दावा अधिकरण को भी सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के अधीन डिक्री के निष्पादन में सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी मानो अधिनिर्णय किसी सिविल वाद में ऐसे न्यायालय द्वारा पारित धन के संदाय के लिए डिक्री थी ।


169 MV Act —  Procedure and powers of Claims Tribunals —

(1) In holding any inquiry under section 168, the Claims Tribunal may, subject to any rules that may be made in this behalf, follow such summary procedure as it thinks fit.

(2) The Claims Tribunal shall have all the powers of a Civil Court for the purpose of taking evidence on oath and of enforcing the attendance of witnesses and of compelling the discovery and production of documents and material objects and for such other purposes as may be prescribed; and the Claims Tribunal shall be deemed to be a Civil Court for all the purposes of section 195 and Chapter XXVI of the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974).

(3) Subject to any rules that may be made in this behalf, the Claims Tribunal may, for the purpose of adjudicating upon any claim for compensation, choose one or more persons possessing special knowledge of any matter relevant to the inquiry to assist it in holding the inquiry. मोटर यान अधिनियम की धारा 169

(4) For the purpose of enforcement of its award, the Claims Tribunal shall also have all the powers of a Civil Court in the execution of a decree under the Code of Civil Procedure, 1908 (5 of 1908), as if the award were a decree for the payment of money passed by such court in a civil suit.

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