मोटर यान अधिनियम की धारा 170 — कतिपय मामलों में बीमाकर्ता को पक्षकार बनाया जाना —
जहां जांच के अनुक्रम में दावा अधिकरण का यह समाधान हो जाता है कि —
(क) दावा करने वाले व्यक्ति तथा उस व्यक्ति के बीच, जिसके विरुद्ध दावा किया गया है, दुरभिसंधि है, या
(ख) वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध दावा किया गया है, उस दावे का विरोध करने में असफल रहा है, वहां वह उन कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह निदेश दे सकेगा कि वह बीमाकर्ता, जिस पर ऐसे दावे की बाबत दायित्व है, उस कार्यवाही का पक्षकार बनाया जाए और ऐसे पक्षकार बनाए गए बीमाकर्ता को तब धारा 150 की उपधारा (2) के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना यह अधिकार होगा कि वह उस दावे का विरोध उन सब या किन्हीं आधारों पर करे, जो उस व्यक्ति को प्राप्त है, जिसके विरुद्ध दावा किया गया है ।
170 MV Act — Impleading insurer in certain cases —
Where in the course of any inquiry, the Claims Tribunal is satisfied that —
(a) there is collusion between the person making the claim and the person against whom the claim is made, or
(b) the person against whom the claim is made has failed to contest the claim, it may, for reasons to be recorded in writing, direct that the insurer who may be liable in respect of such claim, shall be impleaded as a party to the proceeding and the insurer so impleaded shall thereupon have, without prejudice to the provisions contained in sub-section (2) of [section 150], the right to contest the claim on all or any of the grounds that are available to the person against whom the claim has been made.