मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 191 : –
मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 (क्र. 32 सन् 2019) द्वारा धारा 191 का लोप किया गया । भारत काराजपत्र (असाधारण) भाग खण्ड 1 दिनांक 9 अगस्त, 2019 पर अंग्रेजी में प्रकाशित । इस विलोपन के पूर्व उक्त धारा 191 निम्नानुसार थी :-
“ यान का ऐसी हालत में विक्रय या यान का ऐसी हालत में परिवर्तन जिससे इस अधिनियम का उल्लंघन हो — जो कोई मोटर यानों का आयातकर्ता या व्यापारी होते हुए मोटर यान या ट्रेलर का ऐसी हालत में विक्रय या परिदान करेगा अथवा विक्रय या परिदान की प्रस्थापना करेगा जिससे सार्वजनिक स्थान में उसके उपयोग से अध्याय 7 का या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम का उल्लंघन होगा अथवा मोटर यान या ट्रेलर को ऐसे परिवर्तित करेगा कि उसकी ऐसी हालत हो जाए जिससे सार्वजनिक स्थान में उसके उपयोग से अध्याय 7 का या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम का उल्लंघन होगा, वह जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा :
परन्तु कोई भी व्यक्ति इस धारा के अधीन उस दशा में दोषसिद्ध न किया जाएगा जिसमें वह साबित कर देता है कि उसके पास यह विश्वास करने का उचित कारण था कि वह यान सार्वजनिक स्थान में तब तक उपयोग में न लाया जाएगा जब तक वह ऐसी हालत में नहीं कर दिया जाता जिसमें उसका ऐसा उपयोग विधिपूर्णतया किया जा सकता है।” ।
Section 191 of MV Act 1988 :-
Section 191 omitted by the Motor Vehicles (Amendment) Act, 2019 (No. 32 of 2019). Published in the Gazette of India (Extra.) Part II Sec. 1 dated 9th August, 2019. Prior to this omission said Section 191 was as under :-
“ Sale of vehicle in or alteration of vehicle to condition contravening this Act — Whoever being an importer of or dealer in motor vehicles, sells or delivers or offers to sell or deliver a motor vehicle or trailer in such condition that the use thereof in a public place would be in contravention of Chapter VII or any rule made thereunder or alters the motor vehicle or trailer so as to render its condition such that its use in a public place would be in contravention of Chapter VII or any rule made thereunder shall be punishable with fine which may extend to five hundred rupees : मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 191
Provided that no person shall be convicted under this section if he proves that he had reasonable cause to believe that the vehicle would not be used in a public place until it had been put into a condition in which it might lawfully be so used.”.मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 191