मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 199 : – कंपनियों द्वारा अपराध —
(1) जहां इस अधिनियम के अधीन अपराध किसी कंपनी द्वारा किया गया है वहां प्रत्येक व्यक्ति, जो उस अपराध के किए जाने के समय उस कंपनी के कारबार के संचालन के लिए उस कंपनी का भारसाधक और उसके प्रति उत्तरदायी था और साथ ही वह कंपनी भी उस उल्लंघन के दोषी समझे जाएंगे तथा तदनुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने के भागी होंगे :
परन्तु इस उपधारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को इस अधिनियम में उपबंधित किसी दण्ड के लिए दायी नहीं बनाएगी यदि वह यह साबित कर देता है कि वह अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उस अपराध के किए जाने का निवारण करने के लिए उसने सब सम्यक् तत्परता बरती थी।
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कंपनी द्वारा किया गया है और यह साबित हो जाता है कि वह अपराध कंपनी के किसी निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की सहमति या मौनानुकूलता से किया गया है या उस अपराध का किया जाना उसकी किसी उपेक्षा के कारण माना जा सकता है, वहां ऐसा निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा और तदनुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने का भागी होगा ।
स्पष्टीकरण — इस धारा के प्रयोजनों के लिए–
(क) “कंपनी” से कोई भी निगमित निकाय अभिप्रेत है और उसके अन्तर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम भी है; तथा
(ख) फर्म के संबंध में, “निदेशक” से उस फर्म का भागीदार अभिप्रेत है ।
Section 199 of MV Act 1988 :- Offences by companies —
(1) Where an offence under this Act has been committed by a company, every person who at the time the offence was committed, was in charge of, and was responsible to, the company for the conduct of the business of the company, as well as the company, shall be deemed to be guilty of the contravention and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly :
Provided that nothing in this sub-section shall render any such person liable to any punishment provided in this Act, if he proves that the offence was committed without his knowledge or that he exercised all due diligence to prevent the commission of such offence.
(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), where an offence under this Act has been committed by a company, and it is proved that the offence was committed with the consent or connivance of, or is attributable to any neglect on the part of any director, manager, secretary or other officer of the company, such director, manager, secretary or other officer shall also be deemed to be guilty of that offence and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly.
Explanation — For the purposes of this section —
(a) “company“ means any body corporate and includes a firm or other association of individuals; and
(b) “director”, in relation to a firm, means a partner in the firm.
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