मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 199A : – किशोर द्वारा अपराध —
(1) जहां कोई अपराध इस अधिनियम के अधीन किसी किशोर द्वारा किया गया है ऐसे किशोर संरक्षक या मोटर यान का स्वामी उल्लंघन का दोषी समझा जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई का दायी होगा तथा तद्नुसार दंडित किया जाएगा :
परंतु इस उपधारा की कोई बात, ऐसे संरक्षक या स्वामी को इस अधिनियम में उपबंधित किसी दंड के लिए दायी नहीं बनाएगी यदि वह यह साबित कर देता है कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसे अपराध के किए जाने को रोकने के लिए सम्यक तत्परता बरती थी।
स्पष्टीकरण. — इस धारा के प्रयोजन के लिए, न्यायालय यह उपधारणा करेगा कि किशोर द्वारा मोटर यान का प्रयोग, यथास्थिोति, ऐसे किशोर का संरक्षक था या स्वामी की सहमति से किया गया था ।
(2) उपधारा (1) के अधीन शास्ति के अतिरिक्त ऐसा संरक्षक या स्वामी ऐसे कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से जो पच्चीस हजार रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) के उपबंध ऐसे संरक्षक या स्वामी को लागू नहीं होंगे यदि अपराध करने वाले किशोर को धारा 8 के अधीन शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति या चालन अनुज्ञप्ति प्रदान की गई थी और ऐसा मोटर यान प्रचालित कर रहा था जिसे ऐसा किशोर चलाने के लिए अनुज्ञप्त किया गया था ।
(4) जहां इस धारा के अधीन कोई अपराध किसी किशोर द्वारा किया गया है वहां अपराध किए जाने में प्रयुक्त मोटर यान बारह मास की अवधि के लिए रद्द किया जाएगा ।
(5) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी किशोर द्वारा किया गया है वहां धारा 4 या धारा 7 के होते हुए भी, ऐसा किशोर धारा 9 के अधीन चालन अनुज्ञप्ति या धारा 8 के अधीन शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति प्रदान किए जाने के लिए पात्र तब तक नहीं होगा जब तक कि ऐसे किशोर ने पच्चीस वर्ष की आयु पूरी न कर ली हो ।
(6) जहां इस अपराध के अधीन कोई अपराध किसी किशोर द्वारा किया गया है वहां ऐसा किशोर इस अधिनियम में यथा उपबंधित ऐसे जुर्मानों से दंडनीय होगा जबकि कोई अभिरक्षक अभिरक्षा, दंडादेश किशोर न्याय अधिनियम, 2000 (2000 का 56) के उपबंधों के अधीन उपांतरित किया जा सकेगा।
Section 199A of MV Act 1988 :- Offences by Juveniles —
(1) Where an offence under this Act has been committed by a juvenile, the guardian of such juvenile or the owner of the motor vehicle shall be deemed to be guilty of the contravention and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly:
Provided that nothing in this sub-section shall render such guardian or owner liable to any punishment provided in this Act, if he proves that the offence was committed without his knowledge or that he exercised all due diligence to prevent the commission of such offence.
Explanation.-– For the purposes of this section, the Court shall presume that the use of the motor vehicle by the juvenile was with the consent of the guardian of such juvenile or the owner of the motor vehicle, as the case may be.
(2) In addition to the penalty under sub-section (1), such guardian or owner shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to three years and with a fine of twenty-five thousand rupees.
(3). The provisions of sub-section (1) and sub-section (2) shall not apply to such guardian or owner if the juvenile committing the offence had been granted a learner’s licence under section 8 or a driving licence and was operating a motor vehicle which such juvenile was licensed to operate.
(4) Where an offence under this Act has been committed by a juvenile, the registration of the motor vehicle used in the commission of the offence shall be cancelled for a period of twelve months.
(5) Where an offence under this Act has been committed by a juvenile, then notwithstanding section 4 or section 7, such juvenile shall not be eligible to be granted a driving licence under section 9 or a learner’s licence under section 8 until such juvenile has attained the age of twenty-five years.
(6) Where an offence under this Act has been committed by a juvenile, then such juvenile shall be punishable with such fines as provided in the Act while any custodial sentence may be modified as per the provisions of the Juvenile Justice Act, 2000 (56 of 2000).
मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 199A मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 199A