सीआरपीसी की धारा 105G – संपत्ति के समपहरण की सूचना —
(1) यदि, धारा 105घ के अधीन जांच, अन्वेषण या सर्वेक्षण के परिणामस्वरूप न्यायालय के पास यह विश्वास करने का कारण है कि सभी या कोई संपत्ति, अपराध का आगम है तो वह ऐसे व्यक्ति पर (जिसे इसमें इसके पश्चात् प्रभावित व्यक्ति कहा गया है) ऐसी सूचना की तामील कर सकेगा जिसमें उससे यह अपेक्षा की गई हो कि वह उस सूचना में विनिर्दिष्ट तीस दिन की अवधि के भीतर उस आय, उपार्जन या आस्तियों के वे स्त्रोत, जिनसे या जिनके द्वारा उसने ऐसी संपत्ति अर्जित की है, वह साक्ष्य जिस पर वह निर्भर करता है तथा अन्य सुसंगत जानकारी और विशिष्टियाँ उपदर्शित करे और यह कारण बताए कि, यथास्थिति ऐसी सभी या किसी संपत्ति को अपराध का आगम क्यों न घोषित किया जाए और उसे केन्द्रीय सरकार को क्यों न समपहृत कर दिया जाए।
(2) जहाँ किसी व्यक्ति को उपधारा (1) के अधीन सूचना में यह विनिर्दिष्ट किया जाता है कि कोई संपत्ति ऐसे व्यक्ति की ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा धारित है वहाँ सूचना की एक प्रति की ऐसे अन्य व्यक्ति पर भी तामील की जाएगी।
105G CrPC in hindi – Notice of forfeiture of property —
(1) If as a result of the inquiry, investigation or survey under section 105D, the Court has reason to believe that all or any of such properties are proceeds of crime, it may serve a notice upon such person (hereinafter referred to as the person affected) calling upon him within a period of thirty days specified in the notice to indicate the source of income, earnings or assets, out of which or by means of which he has acquired such property, the evidence on which he relies and other relevant information and particulars and to show cause why all or any of such properties, as the case may be, should not be declared to be proceeds of crime and forfeited to the Central Government.
(2) Where a notice under sub-section (1) to any person specifies any property as being held on behalf of such person by any other person, a copy of the notice shall also be served upon such other person.