सीआरपीसी की धारा 213 — कब अपराध किए जाने की रीति कथित की जानी चाहिए —
जब मामला इस प्रकार का है कि धारा 211 और 212 में वर्णित विशिष्टियाँ अभियुक्त को उस बात की, जिसका उस पर आरोप है, पर्याप्त सूचना नहीं देती
तब उस रीति की, जिसमें अभिकथित अपराध किया गया, ऐसी विशिष्टियाँ भी, जैसी उस प्रयोजन के लिए पर्याप्त है, आरोप में अन्तर्विष्ट होंगी।
दृष्टांत –
(क) क पर वस्तु-विशेष की विशेष समय और स्थान में चोरी करने का अभियोग है। यह आवश्यक नहीं है कि आरोप में वह रीति उपवर्णित हो जिससे चोरी की गई ।
(ख) क पर ख के साथ कथित समय पर और कथित स्थान में छल करने का अभियोग है। आरोप में वह रीति, जिससे क ने ख के साथ छल किया, उपवर्णित करनी होगी।
(ग) क पर कथित समय पर और कथित स्थान में मिथ्या साक्ष्य देने का अभियोग है। आरोप में क द्वारा किए गए साक्ष्य का वह भाग उपवर्णित करना होगा जिसका मिथ्या होना अभिकथित है।
(घ) क पर लोक-सेवक ख को उसके लोक कृत्यों के निर्वहन में कथित समय पर और कथित स्थान में बाधित करने का अभियोग है। आरोप में वह रीति उपवर्णित करनी होगी जिससे क ने ख को उसके कृत्यों के निर्वहन में बाधित किया।
(ङ) क पर कथित समय पर और कथित स्थान में ख की हत्या करने का अभियोग है। यह आवश्यक नहीं है कि आरोप में वह रीति कथित हो जिससे क ने ख की हत्या की ।
(च) क पर ख को दण्ड से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा करने का अभियोग है। आरोपित अवज्ञा और अतिलंधित विधि का उपवर्णन आरोप में करना होगा।
213 CrPC in hindi– When manner of committing offence must be stated —
When the nature of the case is such that the particulars mentioned in sections 211 and 212 do not give the accused
sufficient notice of the matter with which he is charged, the charge shall also contain such particulars of the manner in which the alleged offence was committed as will be sufficient for that purpose.
Illustrations –
(a) A is accused of the theft of a certain article at a certain time and place. The charge need not set out the manner in which the theft was effected.
(b) A is accused of cheating B at a given time and place. The charge must set out the manner in which A cheated B. सीआरपीसी की धारा 213
(c) A is accused of giving false evidence at a given time and place. The charge must set out that portion of the evidence given by A which is alleged to be false.
(d) A is accused of obstructing B, a public servant, in the discharge of his public functions at a given time and place. The charge must set out the manner in which A obstructed B in the discharge of his functions. सीआरपीसी की धारा 213
(e) A is accused of the murder of B at a given time and place. The charge need not state the manner in which A murdered B.
(f) A is accused of disobeying a direction of the law with intent to save B from punishment. The charge must set out the disobedience charged and the law infringed.