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धारा 15A एससी एसटी एक्ट | Section 15A SC ST Act in Hindi

धारा 15A एससी एसटी एक्ट – पीड़ित और साक्षी के अधिकार — 

(1)राज्य का, किसी प्रकार के अभित्रास, प्रपीड़न या  उत्प्रेरणा या हिंसा या हिंसा की धमकियों के विरुद्ध पीड़ितों, उसके आश्रितों और साक्षियों के संरक्षण के लिए व्यवस्था करना, कर्तव्य और उत्तरदायित्व होगा।

(2) पीड़ित से निष्पक्षता, सम्मान और गरिमा के साथ तथा किसी ऐसी विशेष आवश्यकता के साथ, जो पीड़ित की आयु या लिंग या शैक्षणिक अलाभ या गरीबी के कारण उत्पन्न होती है, व्यवहार किया जाएगा।

(3) किसी पीड़ित या उसके आश्रित को, किसी न्यायालय की कार्यवाही की युक्तियुक्त, यथार्थ और समय से सूचना का अधिकार होगा, जिसमें जमानत प्रक्रिया सम्मिलित है और विशेष लोक अभियोजक या राज्य सरकार पीड़ित को इस अधिनियम के अधीन किन्ही कार्यवाहियों के बारे में सूचित करेगी।

(4) किसी पीड़ित या उसके आश्रित को, यथास्थिति, विशेष न्यायालय या अनन्य विशेष न्यायालय को, किन्हीं दस्तावेजों या सारवान साक्षियों को प्रस्तुत करने के लिए पक्षकारों को समन करने या उपस्थित व्यक्तियों की परीक्षा करने के लिए आवेदन करने का अधिकार होगा।

(5) कोई पीड़ित या उसका आश्रित, इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में अभियुक्त की जमानत, उन्मोचन, निर्मुक्ति, परिवीक्षा, सिद्धदोष या दंडादिष्ट या सिद्धदोष, दोषमुक्त या दंडादिष्ट पर या किसी संबद्ध कार्यवाहियों या बहसों और सिद्धदोष करने के संबंध में कोई संबद्ध कार्यवाहियां या बहसें और लिखित फाइल करने के संबंध में किन्हीं कार्यवाहियों में सुने जाने का हकदार होगा ।

(6) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम अधीन किसी मामले का विचारण करने वाला विशेष न्यायालय या अनन्य विशेष न्यायालय, पीड़ित, उसके आश्रित, सूचनाकर्ता या साक्षियों को निम्नलिखित प्रदान करेगा, –

(क) न्याय प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण संरक्षण;

(ख) अन्वेषण, जांच और विचारण के दौरान यात्रा तथा भरण-पोषण व्यय; और

(ग) अन्वेषण, जांच और विचारण के दौरान सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास;

(घ) पुनःअवस्थान ।

(7) राज्य, संबद्ध विशेष न्यायालय या अनन्य विशेष न्यायालय को किसी पीड़ित या उसके आश्रित, सूचनाकर्ता या साक्षियों को प्रदान किए गए संरक्षण के बारे में सूचित करेगा और ऐसा न्यायालय प्रस्थापित किए गए संरक्षण का आवधिक रूप में पुनर्विलोकन करेगा तथा समुचित आदेश पारित करेगा ।

(8) उपधारा (6) के उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, संबद्ध विशेष न्यायाल या अनन्य विशेष न्यायालय उसके समक्ष किन्हीं कार्यवाहियों में किसी पीड़ित या उसके आश्रित, सूचनाकर्ता या साक्षी द्वारा या ऐसे पीड़ित, सूचनाकर्ता या साक्षी के संबंध में विशेष लोक अभियोजक द्वारा किए गए आवेदन पर या स्वेच्छा से ऐसे उपाय, जिनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं, कर सकेगा, –

(क) जनता की पहुंच योग्य मामले के उसके आदेशों या निर्णयों में या किन्हीं अभिलेखों में साक्षियों के नाम और पतों को छुपाना;

(ख) साक्षियों की पहचान और पतों का अप्रकटन करने के लिए निदेश जारी करना;

(ग) पीड़ित, सूचनाकर्ता या साक्षी के उत्पीड़न से संबंधित किसी शिकायत के संबंध में तुरंत कार्रवाई करना और उसी दिन, यदि आवश्यक हो, संरक्षण के लिए समुचित आदेश पारित करना : 

परन्तु खंड (ग) के अधीन प्राप्त शिकायत में जांच या अन्वेषण ऐसे न्यायालय द्वारा मुख्य मामले से पृथक् रूप से विचारित किया जाएगा और शिकायत की प्राप्ति की तारीख से दो मास की अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा:

परन्तु यह और कि जहां खंड (ग) के अधीन कोई शिकायत लोक सेवक के विरुद्ध है, वहां न्यायालय ऐसे लोक सेवक को, न्यायालय की अनुज्ञा के सिवाय, लंबित मामले से संबंधित या असंबंधित किसी विषय में, यथास्थिति, पीड़ित सूचनाकर्ता या साक्षी के साथ हस्तक्षेप से अवरुद्ध करेगा ।

(9) अन्वेषण अधिकारी और थाना अधिकारी का, पीड़ित, सूचनाकर्ता या साक्षियों के अभित्रास, प्रपीड़न या उत्प्रेरणा या हिंसा या हिंसा की धमकियों के विरुद्ध शिकायत को अभिलिखित करने का कर्तव्य होगा, चाहे वह मौखिक रूप से या लिखित में दी गई हो, और प्रथम सूचना रिपोर्ट की एक फोटो प्रति उनको तुरंत निःशुल्क दी जाएगी।

(10) इस अधिनियम के अधीन अपराधों से संबंधित सभी कार्यवाहियां वीडियो अभिलिखित होंगी । 

(11) संबद्ध राज्य का, न्याय प्राप्त करने में पीड़ितों और साक्षियों के निम्नलिखित अधिकारों और हकों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक समुचित स्कीम विनिर्दिष्ट करने का कर्तव्य होगा, जिससे,-

 (क) अभिलिखित प्रथम सूचना रिपोर्ट की निःशुल्क प्रति प्रदान की जा सके;

(ख) अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों को नकद या वस्तु में तुरंत राहत प्रदान की जा सके; 

(ग) अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों और साक्षियों को आवश्यक संरक्षण प्रदान किया जा सके;

(घ) मृत्यु या उपहति या संपत्ति को नुकसान के संबंध में राहत प्रदान की जा सके; 

(ङ) पीड़ितों को खाद्य या जल या कपड़े या आश्रय या चिकित्सीय सहायता या परिवहन सुविधा या प्रति दिन भत्तों की व्यवस्था की जा सके;

(च) अत्याचार से पीड़ितों और उनके आश्रितों को भरण-पोषण व्यय प्रदान किया जा सके; और 

(छ) शिकायत करने और प्रथम सूचना रिपोर्ट रजिस्टर करने के समय अत्याचार से पीड़ितों के अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके;

(ज) अभित्रास तथा उत्पीड़न के अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों और साक्षियों को संरक्षण प्रदान किया जा सके;

(झ) अन्वेषण और आरोप-पत्र की प्राप्ति पर अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों या सहयुक्त संगठनों को जानकारी प्रदान की जा सके तथा निःशुल्क आरोप-पत्र की प्रति प्रदान की जा सके; 

(ञ) चिकित्सीय परीक्षा के समय आवश्यक पूर्वावधानियां की जा सकें;

(ट) राहत रकम के संबंध में अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों या सहयुक्त संगठनों को जानकारी प्रदान की जा सके;

(ठ) अन्वेषण और विचारण की तारीख और स्थान के बारे में अग्रिम रूप से अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों या सहयुक्त संगठनों को जानकारी प्रदान की जा सके;

(ड) अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों या सहयुक्त संगठनों या व्यष्टिकों के मामले पर और विचारण की तैयारी के लिए पर्याप्त टिप्पण दिया जा सके तथा उक्त प्रयोजन के लिए विधिक सहायता प्रदान की जा सके;

(ढ) इस अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों के प्रत्येक क्रम पर अत्याचार पीड़ितों या उनके आश्रितों या सहयुक्त संगठनों या व्यष्टिकों के अधिकारों का निष्पादन किया जा सके और अधिकारों के निष्पादन के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके ।

(12) अत्याचार से पीड़ितों या उनके आश्रितों का गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं या अधिवक्ताओं से सहायता लेने का अधिकार होगा ।


Section 15A SC ST Act – Rights of Victims And Witnesses

(1) It shall be the duty and responsibility of the State to make arrangements for the protection of victims, their dependents, and witnesses against any kind of intimidation or coercion or inducement or violence or threats of violence.

(2) A victim shall be treated with fairness, respect and dignity and with due regard to any special need that arises because of the victim’s age or gender or educational disadvantage or poverty.(धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(3) A victim or his dependent shall have the right to reasonable, accurate, and timely notice of any Court proceeding including any bail proceeding and the Special Public Prosecutor or the State Government shall inform the victim about any proceedings under this Act.

(4) A victim or his dependent shall have the right to apply to the Special Court or the Exclusive Special Court, as the case may be, to summon parties for production of any documents or material, witnesses or examine the persons present.

(5) A victim or his dependent shall be entitled to be heard at any proceeding under this Act in respect of bail, discharge, release, parole, conviction or sentence of an accused or any connected proceedings or arguments and file written submission on conviction, acquittal or sentencing. (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(6) Notwithstanding anything contained in the Code of Criminal Procedure, 1973(2 of 1974), the Special Court or the Exclusive Special Court trying a case under this Act shall provide to a victim, his dependent, informant or witnesses-

(a) the complete protection to secure the ends of justice;

(b) the travelling and maintenance expenses during investigation, inquiry and trial;

(c) the social-economic rehabilitation during investigation, inquiry and trial; and

(d) relocation. (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(7) The State shall inform the concerned Special Court or the Exclusive Special Court about the protection provided to any victim or his dependent, informant or witnesses and such Court shall periodically review the protection being offered and pass appropriate orders.

(8) Without prejudice to the generality of the provisions of sub-section (6), the concerned Special Court or the Exclusive Special Court may, on an application made by a victim or his dependent, informant or witness in any proceedings before it or by the Special Public Prosecutor in relation to such victim, informant or witness or on its own motion, take such measures including- (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(a) concealing the names and addresses of the witnesses in its orders or judgments or in any records of the case accessible to the public;

(b) issuing directions for non-disclosure of the identity and addresses of the witnesses;

(c) take immediate action in respect of any complaint relating to harassment of a victim, informant or witness and on the same day, if necessary, pass appropriate orders for protection: (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

Provided that inquiry or investigation into the complaint received under clause (c) shall be tried separately from the main case by such Court and concluded within a period of two months from the date of receipt of the complaint:

Provided further that where the complaint under clause (c) is against any public servant, the Court shall restrain such public servant from interfering with the victim, informant or witness, as the case may be, in any matter related or unrelated to the pending case, except with the permission of the Court. (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(9) It shall be the duty of the Investigating Officer and the Station House Officer to record the complaint of victim, informant or witnesses against any kind of intimidation, coercion or inducement or violence or threats of violence, whether given orally or in writing, and a photocopy of the First Information Report shall be immediately given to them at free of cost.

(10) All proceedings relating to offences under this Act shall be video recorded.

(11) It shall be the duty of the concerned State to specify an appropriate scheme to ensure implementation of the following rights and entitlements of victims and witnesses in accessing justice so as- (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(a) to provide a copy of the recorded First Information Report at free of cost;

b) to provide immediate relief in cash or in kind to atrocity victims or their dependents;

(c) to provide necessary protection to the atrocity victims or their dependents, and witnesses;

(d) to provide relief in respect of death or injury or damage to property;

(e) to arrange food or water or clothing or shelter or medical aid or transport facilities or daily allowances to victims;

(f) to provide the maintenance expenses to the atrocity victims and their dependents;

(g) to provide the information about the rights of atrocity victims at the time of making complaints and registering the First Information Report;

(h) to provide the protection to atrocity victims or their dependents and witnesses from intimidation and harassment; (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(i) to provide the information to atrocity victims or their dependents or associated organisations or individuals, on the status of investigation and charge sheet and to provide copy of the charge sheet at free of cost;

( j) to take necessary precautions at the time of medical examination;

(k) to provide information to atrocity victims or their dependents or associated organisations or individuals, regarding the relief amount;

(l) to provide information to atrocity victims or their dependents or associated organisations or individuals, in advance about the dates and place of investigation and trial; (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(m) to give adequate briefing on the case and preparation for trial to atrocity victims or their dependents or associated organisations or individuals and to provide the legal aid for the said purpose; (धारा 15A एससी एसटी एक्ट)

(n) to execute the rights of atrocity victims or their dependents or associated organisations or individuals at every stage of the proceedings under this Act and to provide the necessary assistance for the execution of the rights.

(12) It shall be the right of the atrocity victims or their dependents, to take assistance from the Non-Government Organisations, social workers or advocates.

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