सीआरपीसी की धारा 25 – सहायक लोक अभियोजक —
(1) राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों में अभियोजन का संचालन करने के लिए एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी।
(1-क) केन्द्रीय सरकार मजिस्ट्रेट के न्यायालय में किसी मामले या किसी वर्ग के मामलों के संचालन के प्रयोजनों के लिए एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त कर सकती है
(2) जैसा उपधारा (3) में उपबंधित है उसके सिवाय, कोई पुलिस अधिकारी सहायक लोक अभियोजक नियुक्त होने का पात्र नहीं होगा।
(3) जहाँ कोई सहायक लोक अभियोजक किसी विशिष्ट मामले के प्रयोजनों के लिए उपलभ्य नहीं है वहाँ जिला मजिस्ट्रेट किसी अन्य व्यक्ति को उस मामले का भारसाधक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त कर सकता है:
परन्तु कोई पुलिस अधिकारी इस प्रकार नियुक्त नहीं किया जाएगा–
(क) यदि उसने उस अपराध के अन्वेषण में कोई भाग लिया है, जिसके बारे में अभियुक्त अभियोजित किया जा रहा है, या
(ख) यदि वह निरीक्षक की पंक्ति से नीचे का है।
राज्य संशोधन उत्तरप्रदेश : धारा 25 की उपधारा (2) में अग्रलिखित परन्तुक अन्त:स्थपित किया जाएगा और सदा ही अंत:स्थापित किया जा चुका होना समझा जाएगा, अर्थात् : “परन्तु यह कि इस उपधारा में किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाए कि यह राज्य सरकार को असिस्टेंट पब्लिक प्रासीक्यूटर पर पुलिस ऑफिसर के जरिये नियंत्रण रखने का प्रतिषेध करती है।” [देखें उत्तरप्रदेश एक्ट संख्या 16 सन् 1976, धारा 5 (दिनांक 30-4-1976 से प्रभावशील)] |
25 CrPC in hindi – Assistant Public Prosecutors —
(1) The State Government shall appoint in every district one or more Assistant Public Prosecutors for conducting prosecutions in the Courts of Magistrates.
1[(1A) The Central Government may appoint one or more Assistant Public Prosecutors for the purpose of conducting any case or class of cases in the Courts of Magistrates.]
(2) Save as otherwise provided in sub-section (3), no police officer shall be eligible to be appointed as an Assistant Public Prosecutor.
(3) Where no Assistant Public Prosecutor is available for the purposes of any particular case, the District Magistrate may appoint any other person to be the Assistant Public Prosecutor in charge of that case: सीआरपीसी की धारा 25
- Provided that a police officer shall not be so appointed–
(a) if he has taken any part in the investigation into the offence with respect to which the accused is being prosecuted; or
(b) if he is below the rank of Inspector.
STATE AMENDMENT Orissa Amendment of section 25.–In section 25 of the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974) (hereinafter referred to as the said Code), to sub-section (2), the following proviso shall be inserted, namely:– “Provided that nothing in this sub-section shall be construed, to prohibit the State Government from exercising its control over Assistant Public Prosecutors through police officers.” [Vide Orissa Act 6 of 1995, s. 2] |
1. Ins. by Act 45 of 1978, s. 9 (w.e.f. 18-12-1978).