धारा 79 आईटी एक्ट 2000 – कतिपय मामलों में मध्यवर्ती को दायित्व से छूट-
(1) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, किंतु उपधारा (2) और उपधारा (3) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, मध्यवर्ती, उसको उपलब्ध कराई गई या रखी गई किसी अन्य व्यक्ति की सूचना, डाटा या संसूचना संपर्क के लिए दायी नहीं होगा
(2) उपधारा (1) के उपबंध तभी लागू होंगे, यदि –
(क) मध्यवर्ती का कृत्य, किसी ऐसी संसूचना प्रणाली को पहुंच उपलब्ध कराने तक सीमित है, जिस पर अन्य व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना पारेषित की जाती है या अस्थायी रूप से भंडारित की जाती है या रखी जाती है; या
(ख) मध्यवर्ती-
(i) पारेषण आरंभ नहीं करता है,
(ii) पारेषण के अभिग्राही का चयन नहीं करता है, और
(iii) पारेषण में अंतर्विष्ट सूचना का चयन या उपान्तरण नहीं करता है;
(ग) मध्यवर्ती, इस अधिनियम के अधीन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सम्यक् तत्परता का उपयोग करता है और ऐसे अन्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का भी पालन करता है, जो इस निमित्त केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं ।
(3) उपधारा (1) के उपबंध तभी लागू होंगे यदि,-
(क) मध्यवर्ती ने विधिविरुद्ध कार्य करने का षड्यंत्र या दुष्प्रेरण किया है या सहायता की है या उत्प्रेरित किया है, चाहे धमकी या वचन द्वारा या अन्यथा;
(ख) वास्तविक जानकारी प्राप्त करने पर या समुचित सरकार अथवा उसके अभिकरण द्वारा यह अधिसूचित किए जाने पर कि मध्यवर्ती द्वारा नियंत्रित कंप्यूटर संसाधन में विद्यमान या उससे सम्बद्ध किसी सूचना, डाटा या संसूचना संपर्क का उपयोग विधिविरुद्ध कार्य करने के लिए किया जा रहा है, मध्यवर्ती किसी भी रीति में साक्ष्य को दूषित किए बिना उस संसाधन पर उस सामग्री तक पहुंच को अबिलम्ब हटाने या उसे निर्योग्य बनाने में असमर्थ रहता है ।
स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “अन्य व्यक्ति की सूचना” पद से किसी मध्यवर्ती द्वारा मध्यवर्ती की हैसियत से दी गई सूचना अभिप्रेत है ।
Section 79 IT Act 2000 – 1[Exemption from liability of intermediary in certain cases.—
(1) Notwithstanding anything contained in any law for the time being in force but subject to the provisions of sub-sections (2) and (3), an intermediary shall not be liable for any third party information, data, or communication link made available or hosted by him.
(2) The provisions of sub-section (1) shall apply if–
(a) the function of the intermediary is limited to providing access to a communication system over which information made available by third parties is transmitted or temporarily stored or hosted; or धारा 79 आईटी एक्ट 2000
(b) the intermediary does not–
(i) initiate the transmission,
(ii) select the receiver of the transmission, and
(iii) select or modify the information contained in the transmission;
(c) the intermediary observes due diligence while discharging his duties under this Act and also observes such other guidelines as the Central Government may prescribe in this behalf. धारा 79 आईटी एक्ट 2000
(3) The provisions of sub-section (1) shall not apply if–
(a) the intermediary has conspired or abetted or aided or induced, whether by threats or promise or otherwise in the commission of the unlawful act;
(b) upon receiving actual knowledge, or on being notified by the appropriate Government or its agency that any information, data or communication link residing in or connected to a computer resource controlled by the intermediary is being used to commit the unlawful act, the intermediary fails to expeditiously remove or disable access to that material on that resource without vitiating the evidence in any manner. धारा 79 आईटी एक्ट 2000
Explanation. — For the purposes of this section, the expression “third party information” means any information dealt with by an intermediary in his capacity as an intermediary.]
1. Subs. by, s. 40, ibid., for Chapter XII (w.e.f. 27-10-2009).