धारा 2 आईटी एक्ट 2000 – परिभाषाएं-
(1) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
(क) “अभिगम” से, इसके व्याकरणिक रूपभेदों और सजातीय पदों सहित, अभिप्रेत है कंप्यूटर, कंप्यूटर प्रणाली या कंप्यूटर नेटवर्क में प्रवेश प्राप्त करना, उसके तर्कसंगत, अंकगणितीय अथवा स्मृति फलन संसाधनों के द्वारा अनुदेश देना या संसूचना देना;
(ख) “प्रेषिती” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख प्राप्त करने के लिए प्रवर्तक द्वारा आशयित है किन्तु इसके अंतर्गत कोई मध्यवर्ती नहीं है;
(ग) “न्यायनिर्णायक अधिकारी” से धारा 46 की उपधारा (1) के अधीन नियुक्त न्यायनिर्णायक अधिकारी अभिप्रेत है;
(घ) “इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक लगाना” से, इसके व्याकरणिक रूपभेदों और सजातीय पदों सहित अभिप्रेत है किसी इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक द्वारा अधिप्रमाणित करने के प्रयोजन के लिए किसी व्यक्ति द्वारा कोई कार्यपद्धति या प्रक्रिया अंगीकार करना;
(घक) “अपील अधिकरण”से धारा 48 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट अपील अधिकरण अभिप्रेत है;
(ङ) “समुचित सरकार” से,-
(i) संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची 2 में प्रगणित,
(ii) संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची 3 के अधीन अधिनियमित किसी राज्य विधि से संबंधित,किसी विषय के संबंध में राज्य सरकार और किसी अन्य दशा में केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है;
(च) “असममित गूढ़ प्रणाली” से सुरक्षित कुंजी युग्म की कोई प्रणाली अभिप्रेत है जिसमें अंकीय चिह्नक सृजित करने के लिए एक प्राइवेट कुंजी और अंकीय चिह्नक को सत्यापित करने के लिए एक लोक कुंजी है;
(छ) “प्रमाणकर्ता प्राधिकारी” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे धारा 24 के अधीन इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अनुज्ञप्ति दी गई है;
(ज) “प्रमाणीकरण पद्धति विवरण” से प्रमाणकर्ता प्राधिकारी द्वारा उन पद्धतियों को विनिर्दिष्ट करने के लिए जारी किया गया विवरण अभिप्रेत है जो प्रमाणकर्ता प्राधिकारी, इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाणपत्र जारी करने में प्रयोग करता है;
(जक) “संचार युक्ति” से सैलफोन, व्यक्ति डिजिटल सहायक या दोनों का संयोजन या कोई अन्य युक्ति अभिप्रेत है जिसका कोई पाठ, वीडियों, आडियो या आकृति संसूचित करने, भेजने या पारेषित करने के लिए उपयोग किया जाता है;
(झ) “कंप्यूटर” से ऐसी इलेक्ट्रॉनिक, चुम्बकीय, प्रकाशीय या अन्य द्रुत डाटा संसाधन युक्ति या प्रणाली अभिप्रेत है जो इलेक्ट्रॉनिक, चुम्बकीय या प्रकाशीय तरंगों के अभिचालनों द्वारा तर्कसंगत, अंकगणितीय और स्मृति फलन के रूप में कार्य करता है और इसके अंतर्गत सभी निवेश उत्पाद, प्रक्रमण, भंडारण, कंप्यूटर साफ्टवेयर या संचार सुविधाएं भी हैं जो किसी कंप्यूटर प्रणाली या कंप्यूटर नेटवर्क में कंप्यूटर से संयोजित या संबंधित होती हैं;
(ञ) “कंप्यूटर नेटवर्क” से,-
(i) उपग्रह, सूक्ष्म तरंग, भौमिक लाइन, तार, बेतार, या अन्य संचार मीडिया के उपयोग ; और
(ii) दो या अधिक अंतःसंबद्ध कंप्यूटरों या संसूचना युक्ति से मिलकर बने टर्मिनलों या किसी सम्मिश्रण, चाहे अंतःसंबंध निरंतर रखा जाता है या नहीं,के माध्यम से एक या अधिक कंप्यूटरों या कंप्यूटर प्रणालियों या संचार युक्ति का अंतःसंबंध अभिप्रेत है ;
(ट) “कंप्यूटर साधन” से कंप्यूटर, कंप्यूटर प्रणाली, कंप्यूटर नेटवर्क, डाटा, कंप्यूटर डाटा संचय या साफ्टवेयर अभिप्रेत है;
(ठ) “कंप्यूटर प्रणाली” से, निवेश और निर्गम सहायक युक्तियों सहित और ऐसे कैलकुलेटरों को छोड़कर, जो क्रमादेश्य नहीं हैं और जो बाह्य फाइलों के साथ संयोजन में उपयोग में नहीं आ सकते, ऐसी युक्ति या युक्तियों का संग्रह अभिप्रेत है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम, इलैक्ट्रानिक अनुदेश, निवेश डाटा और निर्गम डाटा भरे गए हैं, जो तर्क, अंकगणतीय, डाटा भंडारण और पुनःप्राप्ति, संचार नियंत्रण और अन्य कृत्य करती है;
(ड) “नियंत्रक” से धारा 17 की उपधारा (1) के अधीन नियुक्त प्रमाणकर्ता प्राधिकारियों का नियंत्रक अभिप्रेत है;
(ढ) [विलोपित]
(ढक) “साइबर कैफे” से ऐसी कोई सुविधा अभिप्रेत है, जहां से , जनता को कारबार के साधारण अनुक्रम में इंटरनैट तक पहुंच प्रस्थापना की जाती है;
(ढख) “साइबर सुरक्षा” से सूचना, उपस्कर, युक्तियों, कंप्यूटर संसाधन, संसूचना युक्ति और उनमें युक्ति और उनमें भंडारित सूचना को अप्राधिकृत पहुंच, उपयोग, प्रकटन, विच्छिन्न, उपांतरण या नाशन से संरक्षित करना अभिप्रेत है;
(ण) “डाटा” से सूचना, जानकारी, तथ्यों, संकल्पनाओं या अनुदेशों का निरूपण अभिप्रेत है जिन्हें एक निश्चित रीति से तैयार किया जा रहा है या तैयार किया गया है और जो कंप्यूटर प्रणाली या कंप्यूटर नेटवर्क में संसाधित किए जाने के लिए आशयित है, संसाधित किया जा रहा है या संसाधित किया गया है और जो किसी रूप में (जिसके अंतर्गत कंप्यूटर प्रिन्टआउट, चुम्बकीय या प्रकाशीय भंडारण मीडिया, छिद्रित कार्ड, छिद्रित टेप हैं) या कंप्यूटर की स्मृति में आंतरिक रूप से भंडारित हो सकता है;
(त) “अंकीय चिह्नक” से किसी उपयोगकर्ता द्वारा धारा 3 के उपबंधों के अनुसार किसी इलेक्ट्रॉनिक पद्धति या प्रक्रिया द्वारा किसी और इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख का अधिप्रमाणन अभिप्रेत है;
(थ) “अंकीय चिह्नक प्रमाणपत्र” से धारा 35 की उपधारा (4) के अधीन जारी किया गया अंकीय चिह्नक प्रमाणपत्र अभिप्रेत है;
(द) सूचना के संदर्भ में, “इलेक्ट्रॉनिक रूप” से किसी मीडिया, चुम्बकीय, प्रकाशीय, कंप्यूटर स्मृति, माइक्रोफिल्म, कंप्यूटर उत्पादित सूक्ष्मिका या समरूप युक्ति में उत्पादित, प्रेषित, प्राप्त या भंडारित कोई सूचना अभिप्रेत है;
(ध) “इलेक्ट्रॉनिक राजपत्र” से इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित राजपत्र अभिप्रेत है;
(न) “इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख” से किसी इलेक्ट्रॉनिक रूप या माइक्रोफिल्म या कंप्यूटर उत्पादित सूक्ष्मिका में डाटा, अभिलेख या उत्पादित डाटा, भंडारित, प्राप्त या प्रेषित प्रतिबिंब या ध्वनि अभिप्रेत है;
(नक) “इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक” से किसी उपयोगकर्ता द्वारा दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक तकनीक के माध्यम से किसी इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख का अधिप्रमाणन अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत अंकीय चिह्नक भी है;
(नख) “इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाणपत्र” से धारा 35 के अधीन जारी किया गया इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाणपत्र अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत अंकीय चिह्नक प्रमाणपत्र भी है;
(प) किसी कंप्यूटर के संबंध में, “फलन” के अंतर्गत किसी कंप्यूटर से अथवा उसमें तर्क, नियंत्रण, अंकगणितीय प्रक्रम, विलोप, भंडारण और पुनः प्राप्ति तथा संचार या दूरसंचार भी आता है;
(पक) “भारतीय कंप्यूटर आपात मोचन दल” से धारा 70ख की उपधारा (1) के अधीन स्थापित अभिकरण अभिप्रेत है;
(फ) “सूचना” के अंतर्गत डाटा, संदेश, पाठ, प्रतिरूप, ध्वनि, वाणी, कोड, कंप्यूटर क्रमादेश, साफ्टवेयर और आंकड़ा संचय या माइक्रोफिल्म या कंप्यूटर उत्पादित माइक्रोफिश सूक्ष्मिका ;
(ब) किसी विशिष्ट इलैक्ट्रानिक अभिलेख के संबंध में “मध्यवर्ती” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी अन्य व्यक्ति की ओर से उस अभिलेख को प्राप्त करता है, भंडारित करता है या पारेषित करता है या उस अभिलेख के संबंध में कोई सेवा प्रदान करता है और जिसके अंतर्गत दूरसंचार सेवा प्रदाता, नैटवर्क सेवा प्रदाता, इंटरनेट सेवा प्रदाता, वैब होस्टिंग सेवा प्रदाता, तलाश इंजन, आन लाइन संदाय स्थल, आन लाइन नीलामी स्थल, आन लाइन विपणन स्थान और साइबर कैफे भी हैं;
(भ) “कुंजी युग्म” से, “असममित गूढ़ प्रणाली में, प्राइवेट कुंजी और उसकी अंकगणितीय रूप से संबंधित लोक कुंजी अभिप्रेत है जो इस प्रकार संबंधित है कि लोक कुंजी उस अंकीय चिह्नक को सत्यापित कर सकती है जो प्राइवेट कुंजी द्वारा सृजित किया गया है;
(म) “विधि” के अन्तर्गत संसद् या राज्य विधान-मंडल का कोई अधिनियम, यथास्थिति, राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश, अनुच्छेद 240 के अधीन राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए विनियम, संविधान के अनुच्छेद 357 के खंड (1) के उपखंड (क) के अधीन राष्ट्रपति के अधिनियमों के रूप में अधिनियमित विधेयक आते हैं और इनके अंतर्गत उनके अधीन बनाए गए नियम, विनियम, उपविधियां और जारी किए गए आदेश भी हैं;
(य) “अनुज्ञप्ति” से धारा 24 के अधीन किसी प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को अनुदत्त अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है;
(यक) “प्रवर्तक” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी इलेक्ट्रॉनिक संदेश को भेजता है, उसका उत्पादन, भंडारण करता है या किसी अन्य व्यक्ति को पारेषित करता है अथवा किसी इलेक्ट्रॉनिक संदेश को भिजवाता है, उसका उत्पादन, भंडारण कराता है या किसी अन्य व्यक्ति को पारेषित कराता है, किन्तु इसके अंतर्गत कोई मध्यवर्ती नहीं है;
(यख) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(यग) “प्राइवेट कुंजी” से कुंजी युग्म की वह कुंजी अभिप्रेत है जो अंकीय चिह्नक सृजित करने के लिए प्रयोग की जाती है;
(यघ) “लोक कुंजी” से कुंजी युग्म की वह कुंजी अभिप्रेत है जो अंकीय चिह्नक को सत्यापित करने के लिए प्रयोग की जाती है और अंकीय चिह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध है;
(यङ) “सुरक्षित प्रणाली” से ऐसे कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और प्रक्रियाएं अभिप्रेत हैं, जो-
(क) अप्राधिकृत प्रवेश और दुरुपयोग से युक्तियुक्त रूप से सुरक्षित है;
(ख) विश्वसनीयता और सही संचालन का युक्तियुक्त स्तर उपबंधित करती है;
(ग) आशयित कृत्य करने के लिए युक्तियुक्त रूप से उपयुक्त है;
(घ) साधारणतः स्वीकार्य सुरक्षा प्रक्रियाओं के अनुरूप है;
(यच) “सुरक्षा प्रक्रिया” से धारा 16 के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित सुरक्षा प्रक्रिया अभिप्रेत है;
(यछ) “उपयोगकर्ता” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसके नाम से [इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक] प्रमाणपत्र जारी किया जाता है;
(यज) अंकीय चिह्नक, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख या लोक कुंजी के संबंध में, “सत्यापित करना” से इसके व्याकरणिक रूपभेदों और सजातीय पदों सहित अभिप्रेत है यह अवधारण करना कि क्या-
(क) प्रारंभिक इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख पर उपयोगकर्ता की लोक कुंजी के तद्नुरूपी प्राइवेट कुंजी का उपयोग करते हुए अंकीय चिह्नक लगाया गया था ;
(ख) प्रारंभिक इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, ऐसे इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख पर अंकीय चिह्नक इस प्रकार लगाए जाने के समय से ही अक्षुण्ण रखे गए हैं या उसे उपांतरित किया गया है ।
(2) इस अधिनियम में किसी अधिनियमिति या उसके किसी उपबंध के प्रति किसी निर्देश का, उस क्षेत्र के संबंध में जिसमें ऐसी अधिनियमिति या ऐसा उपबंध प्रवृत्त नहीं है, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस क्षेत्र में प्रवृत्त तत्स्थानी विधि या तत्स्थानी विधि से सुसंगत उपबंध, यदि कोई है, के प्रति निर्देश है ।
Section 2 IT Act 2000 – Definitions —
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(1) In this Act, unless the context otherwise requires,–
(a) “access” with its grammatical variations and cognate expressions means gaining entry into, instructing or communicating with the logical, arithmetical, or memory function resources of a computer, computer system or computer network;
(b) “addressee” means a person who is intended by the originator to receive the electronic record but does not include any intermediary;
(c) “adjudicating officer” means an adjudicating officer appointed under sub-section (1) of section 46;
(d) “affixing 1 [electronic signature]” with its grammatical variations and cognate expressions means adoption of any methodology or procedure by a person for the purpose of authenticating an electronic record by means of digital signature;
2 [(da) “Appellate Tribunal” means the Appellate Tribunal referred to in sub-section (1) of section 48;]
(e) “appropriate Government” means as respects any matter,–
(i) enumerated in List II of the Seventh Schedule to the Constitution;
(ii) relating to any State law enacted under List III of the Seventh Schedule to the Constitution,
the State Government and in any other case, the Central Government;
(f) “asymmetric crypto system” means a system of a secure key pair consisting of a private key for creating a digital signature and a public key to verify the digital signature;
(g) “Certifying Authority” means a person who has been granted a licence to issue a 1 [electronic signature] Certificate under section 24;
(h) “certification practice statement” means a statement issued by a Certifying Authority to specify the practices that the Certifying Authority employs in issuing 1 [electronic signature] Certificates;
3 [(ha) “communication device” means cell phones, personal digital assistance or combination of both or any other device used to communicate, send or transmit any text, video, audio or image;]
(i) “computer” means any electronic, magnetic, optical or other high-speed data processing device or system which performs logical, arithmetic, and memory functions by manipulations of electronic, magnetic or optical impulses, and includes all input, output, processing, storage, computer software or communication facilities which are connected or related to the computer in a computer system or computer network;
4 [(j) “computer network” means the inter-connection of one or more computers or computer systems or communication device through–
(i) the use of satellite, microwave, terrestrial line, wire, wireless or other communication media; and
(ii) terminals or a complex consisting of two or more interconnected computers or communication device whether or not the inter-connection is continuously maintained;]
(k) “computer resource” means computer, computer system, computer network, data, computer data base or software;
(l) “computer system” means a device or collection of devices, including input and output support devices and excluding calculators which are not programmable and capable of being used in conjunction with external files, which contain computer programmes, electronic instructions, input data and output data, that performs logic, arithmetic, data storage and retrieval, communication control and other functions;
(m) “Controller” means the Controller of Certifying Authorities appointed under sub-section (1) of section 17;
5 * * * * *
2 [(na) “cyber cafe” means any facility from where access to the internet is offered by any person in the ordinary course of business to the members of the public;
(nb) “cyber security” means protecting information, equipment, devices, computer, computer resource, communication device and information stored therein from unauthorised access, use, disclosure, disruption, modification or destruction;]
(o) “data” means a representation of information, knowledge, facts, concepts or instructions which are being prepared or have been prepared in a formalised manner, and is intended to be processed, is being processed or has been processed in a computer system or computer network, and may be in any form (including computer printouts magnetic or optical storage media, punched cards, punched tapes) or stored internally in the memory of the computer;
(p) “digital signature” means authentication of any electronic record by a subscriber by means of an electronic method or procedure in accordance with the provisions of section 3;
(q) “Digital Signature Certificate” means a Digital Signature Certificate issued under sub-section (4) of section 35;
(r) “electronic form” with reference to information, means any information generated, sent, received or stored in media, magnetic, optical, computer memory, micro film, computer generated micro fiche or similar device;
(s) “Electronic Gazette” means the Official Gazette published in the electronic form;
(t) “electronic record” means data, record or data generated, image or sound stored, received or sent in an electronic form or micro film or computer generated micro fiche;
6 [(ta) “electronic signature” means authentication of any electronic record by a subscriber by means of the electronic technique specified in the Second Schedule and includes digital signature;
(tb) “Electronic Signature Certificate” means an Electronic Signature Certificate issued under section 35 and includes Digital Signature Certificate;]
(u) “function”, in relation to a computer, includes logic, control, arithmetical process, deletion, storage and retrieval and communication or telecommunication from or within a computer;
6 [(ua) Indian Computer Emergency Response Team means an agency established under subsection (1) of Section 70B;]
(v) “information” includes 7 [data, message, text,] images, sound, voice, codes, computer programmes, software and data bases or micro film or computer generated micro fiche;
8 [(w) “intermediary”, with respect to any particular electronic records, means any person who on behalf of another person receives, stores or transmits that record or provides any service with respect to that record and includes telecom service providers, network service providers, internet service providers, web-hosting service providers, search engines, online payment sites, online-auction sites, online-market places and cyber cafes;]
(x) “key pair”, in an asymmetric crypto system, means a private key and its mathematically related public key, which are so related that the public key can verify a digital signature created by the private key;
(y) “law” includes any Act of Parliament or of a State Legislature, Ordinances promulgated by the President or a Governor, as the case may be, Regulations made by the President under article 240, Bills enacted as President’s Act under sub-clause (a) of clause (1) of article 357 of the Constitution and includes rules, regulations, bye-laws and orders issued or made thereunder;
(z) “licence” means a licence granted to a Certifying Authority under section 24;
(za) “originator” means a person who sends, generates, stores or transmits any electronic message or causes any electronic message to be sent, generated, stored or transmitted to any other person but does not include an intermediary;
(zb) “prescribed” means prescribed by rules made under this Act;
(zc) “private key” means the key of a key pair used to create a digital signature;
(zd) “public key” means the key of a key pair used to verify a digital signature and listed in the Digital Signature Certificate;
(ze) “secure system” means computer hardware, software, and procedure that–
(a) are reasonably secure from unauthorised access and misuse;
(b) provide a reasonable level of reliability and correct operation;
(c) are reasonably suited to performing the intended functions; and
(d) adhere to generally accepted security procedures;
(zf) “security procedure” means the security procedure prescribed under section 16 by the Central Government;
(zg) “subscriber” means a person in whose name the 9 [electronic signature] Certificate is issued;
(zh) “verify”, in relation to a digital signature, electronic record or public key, with its grammatical variations and cognate expressions, means to determine whether–
(a) the initial electronic record was affixed with the digital signature by the use of private key corresponding to the public key of the subscriber;
(b) the initial electronic record is retained intact or has been altered since such electronic record was so affixed with the digital signature.
(2) Any reference in this Act to any enactment or any provision thereof shall, in relation to an area in which such enactment or such provision is not in force, be construed as a reference to the corresponding law or the relevant provision of the corresponding law, if any, in force in that area.
1. Subs. by Act 10 of 2009, s. 2, for “digital signature” (w.e.f. 27-10-2009).
2. Ins. by Act 7 of 2017, s. 169 (w.e.f. 26-5-2017).
3. Ins. by Act 10 of 2009, s. 4, ibid. (w.e.f. 27-10-2009).
4. Subs. by s. 4, ibid., for clause (j) (w.e.f. 27-10-2009).
5. Clause (n) omitted by Act 7 of 2017, s.169 (w.e.f. 26-5-2017).
6. Ins. by Act 10 of 2009, s. 4 (w.e.f. 27-10-2009).
7. Subs. by s. 4, ibid., for “data, text” (w.e.f. 27-10-2009).
8. Subs. by s. 4, ibid., for clause (w) (w.e.f. 27-10-2009).
9. Subs. by Act 10 of 2009, s. 2, for “digital signature” (w.e.f. 27-10-2009).