धारा 4 आईटी एक्ट 2000 – इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों की विधिमान्यता-
जहां कोई विधि यह उपबंध करती है कि सूचना या कोई अन्य विषय लिखित या टंकित या मुद्रित रूप में होगा, वहां, ऐसी विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, ऐसी अपेक्षा पूर्ण कर दी गई समझी जाएगी, यदि ऐसी सूचना या विषय-
(क) किसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में दिया जाता है या उपलब्ध कराया जाता है; और
(ख) इस प्रकार पहुंच योग्य है कि वह किसी पश्चात्वर्ती निर्देश के लिए उपयोग किए जाने योग्य है
Section 4 IT Act 2000 – Legal recognition of electronic records —
Where any law provides that information or any other matter shall be in writing or in the typewritten or printed form, then, notwithstanding anything contained in such law, such requirement shall be deemed to have been satisfied if such information or matter is–
(a) rendered or made available in an electronic form; and
(b) accessible so as to be usable for a subsequent reference.