धारा 3(1)(w) एससी एसटी एक्ट
(i) अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की किसी स्त्री को साशय, यह जानते हुए स्पर्श करेगा कि वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, जबकि स्पर्श करने का ऐसा कार्य, लैंगिक प्रकृति का है और प्राप्तिकर्ता की सहमति के बिना है;
(ii) अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की किसी स्त्री के बारे में, यह जानते हुए कि वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, लैंगिक प्रकृति के शब्दों, कार्यों या अंगविक्षेपों का उपयोग करेगा;
स्पष्टीकरण – उपखंड (i) के प्रयोजनों के लिए, “सहमति” पद से कोई सुस्पष्ट स्वैच्छिक करार अभिप्रेत है, जब कोई व्यक्ति शब्दों, अंगविक्षेपों या अमौखिक संसूचना के किसी रूप में विनिर्दिष्ट कार्य में भागीदारी की रजामंदी को संसूचित करता है :
परन्तु अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की कोई स्त्री, जो लैंगिक प्रकृति के किसी कार्य में शारीरिक अवरोध नहीं करती है, केवल इस तथ्य के कारण लैंगिक क्रियाकलाप में सहमति के रूप में नहीं माना जाएगा:
परन्तु यह और कि स्त्री का, अपराधी के साथ सहित, लैंगिक इतिहास, सहमति विवक्षित नहीं करता है या अपराध को कम नहीं करता है;
सजा – वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम की नहीं होगी, किंतु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुमनि से, दंडनीय होगा ।