सीआरपीसी की धारा 198A :- भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498क के अधीन अपराधों का अभियोजन —
कोई न्यायालय भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 498क के अधीन दण्डनीय अपराध का संज्ञान ऐसे अपराध को गठित करने वाले तथ्यों की पुलिस रिपोर्ट पर अथवा अपराध से व्यथित व्यक्ति द्वारा या उसके पिता, माता, भाई, बहन द्वारा या उसके पिता अथवा माता के भाई या बहन द्वारा किए गए परिवाद पर या रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण द्वारा उससे संबंधित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा न्यायालय की इजाजत से किए गए परिवाद पर ही करेगा अन्यथा नहीं।
198A CrPC in hindi :- Prosecution of offences under section 498A of the Indian Penal Code –
No Court shall take cognizance of an offence punishable under section 498A of the Indian Penal Code (45 of 1860) except upon a police report of facts which constitute such offence or upon a complaint made by, the person aggrieved by the offence or by her father, mother, brother, sister or by her father’s or mother’s brother or sister or, with the leave of the Court, by any other person related to her by blood, marriage or adoption.