धारा 29A भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम — नियम बनाने की शक्ति.–
(1) केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के उपबंधों को क्रियान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी।
(2) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियमों में सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध किया जा सकेगा अर्थात्:-
(क) ऐसे मार्गदर्शक सिद्धांत, जो धारा 9 के अधीन वाणिज्यिक संगठन द्वारा बनाए जा सकते हैं;
(ख) धारा 19 की उपधारा (1) के अधीन अभियोजन की मंजूरी के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत;
(ग) कोई अन्य विषय, जो विहित किया जाना अपेक्षित है या विहित किया जाए।
(3) इस अधिनियम के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा। यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगा। किन्तु उस नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
Section 29A prevention of corruption act — Power to make rules —
(1) The Central Government may, by notification in the Official Gazette, make rules for carrying out the provisions of this Act.
(2) In particular, and without prejudice to the generality of the foregoing power, such rules may provide for all or any of the following matters, namely:– धारा 29A भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
(a) guidelines which can be put in place by commercial organisation under section 9;
(b) guidelines for sanction of prosecution under sub-section (1) of section 19;
(c) any other matter which is required to be, or may be, prescribed.
(3) Every rule made under this Act, shall be laid, as soon as may be after it is made, before each House of Parliament, while it is in session, for a total period of thirty days which may be comprised in one session or in two or more successive sessions, and if, before the expiry of the session immediately following the session or the successive sessions aforesaid, both Houses agree in making any modification in the rule, or both Houses agree that the rule should not be made, the rule shall thereafter have effect only in such modified form or be of no effect, as the case may be; so, however, that any such modification or annulment shall be without prejudice to the validity of anything previously done under that rule.]