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धारा 35 सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 | धारा 35 आईटी एक्ट 2000 | Section 35 IT Act 2000 in hindi

धारा 35 आईटी एक्ट 2000 – प्रमाणकर्ता प्राधिकारी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक  प्रमाणपत्र जारी किया जाना –

(1) कोई भी व्यक्ति, इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को ऐसे प्ररूप में आवेदन कर सकेगा जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए।

(2) ऐसे प्रत्येक आवेदन के साथ प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को संदेय की जाने वाली पच्चीस हजार रुपए से अनधिक उतनी फीस संलग्न होगी जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए :

परन्तु उपधारा (2) के अधीन फीस विहित करते समय, आवेदकों के विभिन्न वर्गों के लिए विभिन्न फीसें विहित की जा सकेंगी ।

(3) ऐसे प्रत्येक आवेदन के साथ प्रमाणन पद्धति विवरण संलग्न होगा या जहां ऐसा विवरण नहीं है, वहां ऐसी विशिष्टियों वाला विवरण संलग्न होगा जो विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए।

(4) उपधारा (1) के अधीन आवेदन प्राप्त होने पर, प्रमाणकर्ता प्राधिकारी उपधारा (3) के अधीन प्रमाणन पद्धति विवरण या अन्य विवरण पर विचार करने और ऐसी जांच करने के पश्चात् जो वह ठीक समझे, इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाणपत्र मंजूर कर सकेगा या आवेदन को, उन कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे, नामंजूर कर सकेगा :

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परन्तु  कोई भी आवेदन तब तक नामंजूर नहीं किया जाएगा जब तक कि आवेदक को प्रस्तावित नामंजूरी के विरुद्ध कारण दर्शित करने के लिए उचित अवसर न दे दिया गया हो ।


Section 35 IT Act 2000 – Certifying authority to issue 1[electronic signature] Certificate.

(1) Any person may make an application to the Certifying Authority for the issue of a 1[electronic signature] Certificate in such form as may be prescribed by the Central Government.

(2) Every such application shall be accompanied by such fee not exceeding twenty-five thousand rupees as may be prescribed by the Central Government, to be paid to the Certifying Authority:

Provided that while prescribing fees under sub-section (2) different fees may be prescribed for different classes of applicants.

(3) Every such application shall be accompanied by a certification practice statement or where there is no such statement, a statement containing such particulars, as may be specified by regulations.

(4) On receipt of an application under sub-section (1), the Certifying Authority may, after consideration of the certification practice statement or the other statement under sub-section (3) and after making such enquiries as it may deem fit, grant the 1[electronic signature] Certificate or for reasons to be recorded in writing, reject the application: धारा 35 आईटी एक्ट 2000

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3[Provided] that no application shall be rejected unless the applicant has been given a reasonable opportunity of showing cause against the proposed rejection.


1. Subs. by Act 10 of 2009, s. 2, for “Digital Signature” (w.e.f. 27-10-2009).

2. The first proviso omitted by s. 17, ibid. (w.e.f. 27-10-2009).

3. Subs. by s. 17, ibid., for “Provided further” (w.e.f. 27-10-2009).

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