IPC की धारा 189 — लोक-सेवक को क्षति करने की धमकी –
जो कोई किसी लोक-सेवक को या ऐसे किसी व्यक्ति को जिससे उस लोक-सेवक के हितबद्ध होने का उसे विश्वास हो, इस प्रयोजन से क्षति की कोई धमकी देगा कि उस लोक-सेवक को उत्प्रेरित किया जाए कि वह ऐसे लोक-सेवक के कृत्यों के प्रयोग से संसक्त कोई कार्य करे, या करने से प्रविरत रहे, या करने में विलम्ब करे, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।.
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 189 — Threat of injury to public servant —
Whoever holds out any threat of injury to any public servant, or to any person in whom he believes that public servant to be interested, for the purpose of inducing that public servant to do any act, or to forbear or delay to do any act, connected with the exercise of the public functions of such public servant, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both