IPC की धारा 197 — मिथ्या प्रमाण पत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना –
जो कोई ऐसा प्रमाण पत्र, जिसका दिया जाना या हस्ताक्षरित किया जाना विधि द्वारा अपेक्षित हो, या जो किसी ऐसे तथ्य से संबंधित हो जिसका वैसा प्रमाण-पत्र विधि द्वारा साक्ष्य में ग्राह्य हो, यह जानते हुए या विश्वास करते हुए कि वह किसी तात्विक बात के बारे में मिथ्या है, वैसा प्रमाण-पत्र जारी करेगा या हस्ताक्षरित करेगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय और उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध विचारणीय है | |
IPC Section 197 — Issuing or signing false certificate –
Whoever issues or signs any certificate required by law to be given or signed, or relating to any fact of which such certificate is by law admissible in evidence, knowing or believing that such certificate is false in any material point, shall be punished in the same manner as if he gave false evidence.