IPC की धारा 209 — बेईमानी से न्यायालय में मिथ्या दावा करना –
जो कोई कपटपूर्वक या बेईमानी से या किसी व्यक्ति को क्षति या क्षोभ कारित करने के आशय से न्यायालय में कोई ऐसा दावा करेगा, जिसका मिथ्या होना वह जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 209 — Dishonestly making false claim in Court –
Whoever fraudulently or dishonestly, or with intent to injure or annoy any person, makes in a Court of Justice any claim which he knows to be false, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, and shall also be liable to fine.